राजस्थान के अनूपगढ़ से बीजेपी विधायक शिमला बावरी ने दावा किया है उन्होंने 2013 विधानसभा चुनाव से पहले अनूपगढ़ क्षेत्र के हर पत्रकार को ‘रुपयों का लिफाफा’ भिजवाया था. ये लिफाफे अनूपगढ़ के साथ-साथ घड़साना रावला के पत्रकारों को भी भेजे गए थे. शिमला बावरी ने बताया कि तीन पत्रकारों ने यह कहते हुए पैसे लौटा दिए कि चुनाव जीतने के बाद वे इसे ले लेंगे. इस कार्यक्रम में एसडीएम, नगरपालिका चेयरमैन ईओ समेत कई लोग मौजूद थे.
विधायक शिमला बावरी के बयान वाला यह वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने कार्यक्रम में शिवला बावरी के भाषण के हवाले से यह खबर दी है. वीडियो में बावरी कहती नजर आ रही हैं, ‘मैं गरीब परिवार से आती हूं. लेकिन जब मैंने चुनाव लड़ी, तो जितना कर सकती थी किया, मैंने घरसाना, अनूपगढ़, रावला के सारे पत्रकारों को लिफाफे भिजवाए.” वहीं राजनीतिक दलों ने इस वीडियो के बाद शिमला बावरी के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग की है. हालांकि विधायक ने इन आरोपों को बिल्कुल झूठा बताया है, साथ ही कहा है कि वीडियो से छेड़छाड़ हुई है.
राजस्थान के अनूपगढ़ से भाजपा की महिला विधायक शिमला बावरी ने जिस कार्यक्रम के दौरान यह खुलासा किया, वह स्थानीय पत्रकारों की तरफ से ही आयोजित था. महिला विधायक जब बोलने लगीं तो पत्रकारों के पक्ष में बोलते बोलते लिफाफा वाला बयान भी दे डाला. स्थानीय पत्रकारों ने महिला विधायक शिमला बावरी के सम्मान में इस कार्यक्रम का आयोजन इसलिए किया था क्योंकि विधायक शिमला बावरी ने जिले में पत्रकारों के लिए प्लॉट आवंटित करने का फैसला किया था.
अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने कार्यक्रम में शिवला बावरी के भाषण के हवाले से यह खबर दी है. अपने भाषण में वह खुद स्वीकार रही हैं कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को रुपयों के लिफाफे भिजवाए. उन्होंने यह भी कहा कि तीन पत्रकारों ने यह कहते हुए पैसे लौटा दिए कि चुनाव जीतने के बाद वे इसे ले लेंगे. विडंबना यह कि अपने भाषण में विधायक साहिबा ने पत्रकारिता के गिरते स्तर पर भी खेद प्रकट किया. अखबार ने जब उनसे वीडियो पर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है.
बयान पर बवाल होने के बाद में विधायक ने कहा: ‘यह मूर्खतापूर्ण है. यह झूठा वीडियो है. एक छोटा सा पत्रकार है जो दो पन्ने का पाक्षिक अखबार निकालता है और उसके जरिये लोगों को परेशान करता है.’
वीडियो में बावरी कहती नजर आ रही हैं: ‘मैं गरीब परिवार से आती हूं. लेकिन जब मैंने चुनाव लड़े, जितना मैं कर सकती थी, मैंने घरसाना, अनूपगढ़, रावला के सारे पत्रकारों को लिफाफे भिजवाए.’ इस बीच, अनूपगढ़ के कई पत्रकारों ने अखबार को पुष्टि की है कि उन्हें शिमला बावरी से 11 हजार रुपये का लिफाफा मिला था.