पढ़ें अशोक मिश्रा का अलविदा पत्र-
कुछ अपरिहार्य कारणों से अब मैं संस्थान को अपनी सेवाएं देने में असमर्थ हूं। संस्थान ने मुझे दो बार काम करने का मौका दिया जिसका मैं सदैव ऋणी रहूंगा। करीब साढे सात के मेरे कार्यकाल के दौरान वरिष्ठों का स्नेह सदैव मिलता रहा।
माननीय सहारा श्री द्वारा मुझ पर भरोसा करने और कई बार आशीर्वाद देने के लिए मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं। मैं अपने उन सभी वरिष्ठों एवं सहयोगियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने कई मौकों पर उत्साहवर्धन करके मेरा हौसला बढ़ाया। मैं सभी के अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि की कामना करता हूं। संस्थान को अलविदा बोलने का निर्णय मेरे लिए कठिन है लेकिन कई बार हमें आगे बढ़ने के लिए ऐसा करना आवश्यक हो जाता है। मैं आशा करता हूं कि आप मेरे इस निर्णय का सम्मान करेंगे।
अशोक मिश्रा
प्रमुख संवाददाता (क्राइम रिपोर्टर स्टेट ब्यूरो)
राष्ट्रीय सहारा लखनऊ