ओम प्रकाश सिंह-
इस साल धर्मयुग परिवार ने दो वरिष्ठ सहकर्मियों को खोया। १५ जनवरी को श्री अवध किशोर पाठक का निधन हुआ। और २६ फरवरी को श्री कैलाश सेंगर ने हमसे विदा ली।
अवध अद्भुत प्रतिभाशाली थे। वे इंटेलिजेंस ब्यूरो की नौकरी छोड़ कर धर्मयुग में आये थे। उनकी पत्रकारिता बहुत सधी हुई थी। हम मित्र लोग उन्हें धर्मयुग का अज्ञेय कहते थे। मेरी समझ है कि उन्होंने पत्रकारिता की मुख्यधारा बीच में ही न छोड़ दी होती तो वे देश के अप्रतिम संपादकों में गिने जाते। वे स्वतंत्रचेता और खूब स्वाभिमानी थे। धर्मयुग छोड़ कर उन्होंने और राजन गांधी ने साथ मिल कर स्वतंत्र कारोबार की शुरुआत की थी। कारोबार बहुत चला नहीं, लेकिन उसने उन दोनों के जीवट और नौकरीजीवी न होने की प्रवृत्ति को सामने रखा। बाद में अवध ने पाश्चात्य साहित्य से कई बहुत उल्लेखनीय किताबों का अनुवाद किया।
कैलाश गीत और गज़लें लिखते थे, कथाकार थे, अच्छे स्तंभकार थे, और मंच के भी प्रभावशाली कवि थे। धर्मयुग में वे उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते थे जिसमें लिखने – पढ़ने, अपने को अभिव्यक्त करने और जीने की अनन्य जिजीविषा थी। नव भारत टाइम्स में लिखे उनके व्यक्ति चित्र खूब लोकप्रिय हुए।
२५ दिसम्बर को भारती जी को याद करते हुए धर्मयुग की याद कार्यक्रम में धर्मयुग परिवार की ओर से इन दोनों बंधुओं को श्रद्धांजलि भी अर्पित होगी। कोरोना के कारण उनकी याद में अब तक कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका था। प्रिय बंधुओ आप दोनों का बहुत बहुत स्मरण।
Prashant Kumar Pathak
April 3, 2022 at 7:43 pm
Awadh kishor Pathak is my father . I am the elder son live in allahabad. I am advocate High court Allahabad.