वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र प्रताप सिंह लखनऊ से एक मैगज़ीन निकालते हैं। द इण्डियन व्यू नाम से। इसके जून अंक में उन्होंने आयुष दाख़िला घोटाले पर रिपोर्ट प्रकाशित की है।
आयुष दाखिला घोटाला : मंत्री और अफसरों तक पहुंची जांच की आंच
पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और आईएएस प्रशांत त्रिवेदी पर घूस लेने के आरोपों पर कोर्ट गंभीर। कोर्ट ने अलग केस दर्ज कर जांच करने का दिया निर्देश, एक अगस्त को मांगी प्रगति रिपोर्ट। 2019 में नीट में शामिल हुए बिना छात्रों के कर लिए गए थे यूजी और पीजी में दाखिले। पूर्व मंत्री पर एक करोड़ पांच लाख तो अपर मुख्य सचिव पर 25 लाख रुपये लेने का है आरोप।
इलाहाबाद हाइ कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने वर्ष 2019 में आयुष विभाग में हुए फर्जी दाखिलों के लिए तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी, अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवदी सहित अन्य अधिकारियों द्वारा लाखों रुपये घूस लेने के आरोपों पर गंभीर रुख अपनाया है। कोर्ट ने सीबीआइ को आदेश दिया है कि वह तत्काल इस मामले में केस दर्ज कर विवेचना करे और एक अगस्त को जांच की प्रगति रिपोर्ट उसके सामने पेश करे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याची के खिलाफ विवेचना में ऐसे साक्ष्य नहीं आएं हैं जिससे लगता हो कि उसने यूजी-पीजी के नीट रिजल्ट में गड़बड़ी की हो।
कोर्ट में विवेचनाधिकारी ने आयुर्वेद निदेशालय के आफिसर इंजार्च डा. उमाकांत सिंह का बयान पढ़ा जिसमें उन्होंने कहा है कि 2019 में आयुष विभाग में यूजी-पीजी विभिन्न कोर्सों में दाखिले के लिए तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी, तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी सहित अन्य अधिकारियों ने लाखों रुपये घूस लिए थे। मंत्री ने अपने बंगले पर एक करोड़ पांच लाख रुपये लिए तो त्रिवेदी ने 25 लाख रुपये लिए थे। पैसों की बंदरबांट निदेशक से लेकर सचिव व सेक्सन अफसर तक हुई।
आयुष दाखिला घोटाले पर देखिए विस्तृत रिपोर्ट द इंडियन व्यू के जून अंक में …