विवेकानंद सिंह-
आज़म खान! उत्तर प्रदेश की राजनीति का तारीखी हकीकत जिसे आप पोलिटीकली करेक्ट इनकॉरेक्ट आंक सकते है लेकिन इस व्यक्ति के सार्वजनिक जीवन की मर्यादा पर प्रश्न चिन्ह नही लगा सकते!
आप आजम खान के बयानों के खिलाफ हो सकते है लेकिन इस व्यक्ति के राजनीतिक जीवन के फैसलों में आपको समाजवाद की झलक हमेशा दिखेगा चाहे वो सफल कुंभ का आयोजन हो या जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना !
और इस विश्विद्यालय की स्थापना ही आजम खान के लिए काल हो गया न जाने किन किन परिस्थितियों से लड़ते हुए इस व्यक्ति ने विश्वविद्यालय की स्थापना की थी इसमें आप कमी निकाल सकते है मगर अंतिम उद्देश्य ? समाज को शिक्षित बनाना बच्चो को अच्छी तालीम देना !
क्या इसे अपराध का आधार बनाया जाना चाहिए ?
और मुकदमे क्या क्या लगा दिए ?
इनका हश्र देखकर अब कोई और आम जन के लिए यूनिवर्सिटी खोलने की हिम्मत कर पायेगा ?
आजम खान चाहे जो हो लेकिन ये व्यक्ति चोर बदमाश नहीं है घोटालेबाज नही है इन्होंने सादगी पूर्ण अपना जीवन बिताया इनके ऊपर एक भी पैसे का आरोप नही है !
और आज इनका अंजाम देखिए गैर तो गैर इनके अपने भी आज इनके साथ नही है !
अब कोई आजम खान नही बनेगा!!
सरफ़राज़ नज़ीर-
न आज़म खान सड़कछाप टपोरी हैं, न एब्सकांडर हैं और न ही गुमनाम चेहरा कि ज़मानत मिलने पर उसका दुरूपयोग करेंगे।
फिर तबीयत ख़राब होने पर मेदांता शिफ्ट किया जा रहा है, ये अदलिया की साख पर बट्टा लगाने वाली बात है।
बाकी सरकार और अदालत एक दूसरे पर अंकुश लगाने के लिए स्वतंत्र रखी गई थी। अब दोनो लगता है एक ही कश्ती पर सवार हैं और हो भी क्यों न?
पता नहीं किसका कौन सा राज़ दबा है। #pegasussnoopgate
Yyy
September 5, 2021 at 8:37 pm
Wah re gadhe