दिल्ली में कोई चार हज़ार अवैध प्लेसमेंट एजेंसियाँ घरेलू काम के लिये बच्चे सप्लाई करने का धंधा चला रही हैं । पाँच हज़ार से लेकर पचास हज़ार तक की रिश्वत प्रतिमाह पुलिस थाने को दे देने पर पुलिस इनकी मौजूदगी से आँख फेर लेती है । कई एन जी ओ इन मामलों को उठाते हैं तो पहले पुलिस टालमटोल करती है या काउन्सलिंग के नाम पर बच्चों को इस या उस एजेंसी में ट्रानसफर कर देती है । पूरे खेल पर मीडिया ने खामोश चुप्पी साध रखी है। रिपोर्ट इस प्रकार है…..
सूचना शीतल पी सिंह के एफबी वॉल और morningcapsule.wordpress.com से साभार