बांदा। बांदा शहर के छोटी बाजार निवासी पत्रकार मनोज गुप्ता लखनऊ से प्रकाशित दैनिक ‘स्पष्ट आवाज’ से मान्यता प्राप्त पत्रकार (जिला संवाददाता) हैं। 8 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन उनके पडोस मे रहने वाले दबंग बल्लू गुप्ता ने एक दर्जन परिजनों के साथ दिनदहाड़े उनके घर में घुसकर श्री गुप्ता और उनके पुत्रों की पिटाई की, तोड़फोड़ की। घर में मौजूद महिलाओं ने हमलावरों से जान बचाई। हमलावर उनके घर से सैम्संग का मोबाइल और 1226 रूपये भी लूट ले गए। पीड़ित पत्रकार मनोज ने हमलावरों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज किए जाने के लिए कोतवाल डीपी तिवारी को तहरीर दी।
रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए कोतवाली पुलिस उनके पुत्र लकी गुप्ता को ही घर से पकड़ लाई। यहां पत्रकार मनोज को कोतवाली बुलाकर हमलावरों से सुलह कर लेने का दबाव बनाया। कोतवाल ने इसी दौरान हमलावरो से लूटा गया मोबाइल भी बरामद कर पत्रकार को लौटाना चाहा। हालांकि पत्रकार ने लूटा गया मोबाइल फोन बगैर लिखा पढी के लेने से साफ इंकार कर दिया। आज भी यह फोन कोतवाल डीपी तिवारी के कब्जे में है।
उधर, जब सुलह की बात नहीं बनी तो पत्रकार मनोज गुप्ता उनके पुत्रों लकी, शिवम और विक्की के विरूद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। पत्रकार मनोज गुप्ता ने शहर कोतवाली से लौटकर जिले के सभी पत्रकारो को पुलिस ज्यादती की पूरी कहानी बताई। करीब दो दर्जन पत्रकार डीआईजी से मिले। डीआईजी ने कार्यवाही का भरोसा दिया। किन्तु कई दिन बीत जाने के बाद नतीजा ठनठन गोपाल।
पत्रकार मनोज गुप्ता के घर घुसकर मारपीट, लूटपाट करने वाले दबंगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। पत्रकार मनोज ने राजधानी लखनऊ के प्रमुख समाचार पत्रों के संपादकों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों यहां तक कि महामहिम राज्यपाल और राष्ट्रपति महोदय को भी जरिये प्रार्थना पत्र अपनी गुहार सुनाई किन्तु मोदी और योगी राज के किसी भी अधिकारी ने उनकी गुहार नहीं सुनी।
हालत यह है कि हमलावर दबंग पत्रकार मनोज गुप्ता और उनके पुत्रों को सरेआम गोलियों से भून डालने की धमकी दे रहे है। तहकीकात मे मालूम हुआ कि पत्रकार परिवार के हमलावर दबंगों के तार जिले के एक भाजपा विधायक और कुछ भाजपा नेताओं से जुडे हैं। इसकी वजह से पीडित पत्रकार की रिपोर्ट तक नहीं लिखी गई बल्कि पत्रकार और उसके पुत्रों को ही गंभीर उपराधिक मुकदमें में फंसा दिया गया।