कन्हैया शुक्ला-
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज-कल मस्त इंटरव्यू दिए पड़े हैं. देश के सभी चैनल सिर्फ़ एक ज़ी न्यूज़ को छोड़कर बाकी सभी चैनल को अपने क़रीब बुला ही लिया ..और खुल के दिल से बात की अब सवाल भले चैनल के न हों, वो खुद PMO ने तैयार किये हों पर चलो कम से कम 5 साल बाद बहुत से चैनलों के कुछ तथाकथित बड़े पत्रकारों को 5 फिट के क़रीब से मोदी जी को देखने का तो मौका मिला. और यही सबसे बड़ी ख़ुशी है एंकरों के लिये बाक़ी तो सबको 5 साल तक मोदी-मोदी करना पड़ता है तब जा के ये मीठा फ़ल मिलता है.
ख़ैर, ये एक उपलब्धि भी है जो नही कर पाते वो तरह-तरह की मन में एक ईर्ष्या रख के सोचते हैं की ये भी क्या सवाल है..? ये तो सिर्फ़ चाटुकारिता ही है. मैं होता या मैं होती तो ये सवाल पूछते.. पर यकीन मानिए की अगर आप भी होते तो कुछ भी नही पूछ पाते. बस उतना ही पूछते जो सवाल चुनाव और विपक्ष के हिसाब से तय किये गए हैं ..PM साहब ने अपने सभी चैनल के इंटरव्यू सिर्फ़ वही बोला जो वो चुनावी भ्रमण में हर राज्य के मंचों से बोलते हैं.
चलो अब सीधा प्रधानमंत्री जी से सवाल पूछते हैं जिसकी ज़रूरत है देश के लोगों को ..शायद आने वाले दिनों में मोदी जी कभी न कभी इसके बारे में भी बोलेंगे ..क्योंकि सभी इंटरव्यू में ऐसा लगता है कि जितना विपक्ष को मोदी सोने नहीं देते उससे ज्यादा मोदी जी विपक्ष के बारे में ही निगेटिव सोचते और बोलते रहते हैं ..मोदी जी आपकी ज़िम्मेदारी सिर्फ विपक्ष को घेरने और उनके लिए बोलने की नहीं हैं विपक्ष हर मुद्दे पर विरोध ही करेगा इसीलिए उसको विपक्ष कहते हैं, आपकी ज़िम्मेदारी देश की जनता के लिए है मुझे लगता है उनके सवालों का जवाब आपके लिए ज्यादा मायने रखता है…
चलिए भारत की जनता ने आपसे कुछ सवाल पूछे हैं..
- क्या देश के अंदर स्वास्थ सुविधायें सुधरेंगी ..सरकारी अस्पताल उस लायक हैं..और प्राइवेट अस्पताल तथा दवाइयों को बनाने वाले स्वास्थ माफियाओं पर क्या करेंगे..? लोग मरेलिया जैसी बीमारी से मर रहे हैं. इलाज इतना महंगा हो चुका है की ग़रीब लोग चिकित्सा करवाते ही नहीं वो बीमारी को अपनी किस्मत ही समझ लेते हैं और रोगी हो कर मर जाते हैं. लोग एक पैकेट खून नहीं ले पा रहे इतना इस धंधे को करने वाले लोग खून चूस के कमा रहे हैं!
- युवावों के बेरोज़गारी का स्तर बहुत बढ़ रहा है ..पूरा देश को इंटरनेट एक फ़्री जैसा मिल रहा है ..सस्ता इतना कि युवा सुबह से रात तक सिर्फ रील देखने और बनाने में व्यस्त है ..क्यों कि अगर किसी को नष्ट करना हो तो इंटरटेनमेंट फ्री कर दो और वो ख़ुद ब ख़ुद आपने भविष्य के लिए नही सोचेगा एक वर्चुवल दुनिया में देश के युवा पीढ़ी जा रही है क्या सोचते हैं आप.. की ये कितना खतरनाक है देश के लिये ..? आप तो साहब जी लोगे पर ज़रा सोचो कि आने वाले दिनों में ये बेरोजगार युवा जो सुबह से रात तक सोशल मीडिया में एक दूसरे को गाली देने में व्यस्त हैं उनका क्या होगा?
- आप 10 साल से प्रधानमंत्री हैं आपके लिए क्या इस देश मे सिर्फ़ युवराज, पप्पू या गांधी परिवार ही है ज़बाब देने के लिए ..उस परिवार को तो देश के लोगों ने नकार दिया है इसीलिए तो मोदी जी आप PM हो, तो आपको देश के लोगों के परिवार का ज़बाब देना चाहिए न कि गांधी परिवार का..
- अब आइये शिक्षा की बात करते हैं ..बढ़ता भारत-पढ़ता भारत ये मैंने सोचा है एक स्लोगन पता नहीं कब सच होगा ..आपको पता है एक प्ले स्कूल की फ़ीस कितनी है ..? मतलब बच्चे का बचपना शुरू नही हुआ और घर वाले उसको कैसे-कैसे अपनी औकात से बढ़ के स्कूली शिक्षा करवाते हैं ..प्राइवेट शिक्षा माफियाओं ने पूरे देश को बर्बाद कर दिया है. पूरी शिक्षा प्रणाली को अपने हिसाब से इस्तेमाल कर रहे ..क्योंकि सरकारी तो उस लायक है नहीं .. ना कभी हो पायेगा. आपने कभी सोचा इस विषय में की बच्चों की शिक्षा एक जैसी हो और एक फ़ीस में. ग़रीब या अमीर सबकी शिक्षा का स्तर एक हो ..? एक सीमा होनी चाहिए फ़ीस की भले वो हायर एजुकेशन हो या स्कूली, प्राइवेट हो या सरकारी. आपको पता है ये शिक्षा की असमानता आने वाले दिनों में करोड़ो बच्चों के अंदर डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण होगा ..वो अपने परिजनों को कोसते हैं कि अच्छे स्कूलों में नहीं पढ़ाया ..तो क्या करेंगे!
आप सिर्फ शिक्षा, स्वास्थ्य और ये युवा वर्ग जो डूब रहा है एक वर्चुअल मनोरंजन की दुनिया में ..सिर्फ एक बार देश के लिए फ्री कर दो, मेरा मानना है कि आपको फिर गांधी परिवार और नेहरू को गाली देने की ज़रूरत नही पड़ेगी..इस देश के लोग तो सैकड़ों सालों तक मुगल और अंग्रेजों को अपने सर का ताज बना के रखे रहे आप सदियों तक लोगों के दिलों में राज करोगे.
बस ये तीन-चार सवाल हैं बाक़ी आपके सारे चैनलों के दिये गए इंटरव्यू माशाअल्लाह बहुत शानदार थे.. गज़ब किया आपने.. सभी मुश्किल सवालों की चुनौती आपने स्वीकार किया और बेबाक़ी से ज़बाब दिया ..बस यही सवाल छूट गया जो एंकरों को शायद अहसास नही होगा क्यों कि उनके ऊपर भी नौकरी खो जाने का डर है!