भड़ास4मीडिया डॉट कॉम के फाउंडर और एडिटर यशवंत सिंह इन दिनों अपने होम टाउन ग़ाज़ीपुर जिले में चरवाहों के एक दल से जा मिले और कुछ समय तक भेड़-बकरियों को चराने का काम किया. 🙂
अपने इस अनुभव के बारे में यशवंत कहते हैं-
चालीस पार का होते ही मेरा मन करने लगा कि मैं एक चरवाहा बन जाऊं. दिन भर भेड़ बकरियों के पीछे चलता रहूं. प्रकृति के कई रंग देखता रहूं. जो मन में आए गाता रहूं. नई जगहों नए इलाकों में अपने जीवों को लेकर घुस जाऊं. कभी भूत तो कभी देवता को अचानक देख पाऊं. चराते चराते कभी यूं ही जमीन पर सो जाऊं और शाम होने पर भेड़ें बकरियां मुझे जगाने के लिए आएं, और कहें- ”चल भाई देस अपने, अंधेरा घना हुआ जा रहा!”.
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