दीपांकर-
लाइव सिटीज जैसे चैनल भ्रामक थंबनेल पत्रकारिता के दम पर आधे से ज्यादा क्लिक पा रहे हैं।
जब दर्शक को थंबनेल वाला कंटेंट वीडियो के अंदर नहीं मिलता तो वो गाली गलौज करके जाता है.
लेकिन उससे क्या, व्यू तो मिल गये ना?
व्यू के मानक को ध्यान में रखकर ही कंटेंट बन रहा है.
हीरो वाले से प्रचार का पैसा ले लिया, भ्रामक थंबनेल बना दिया,
गाली खा ली, इत्ती सी कहानी है.
9 हजार में ऊपर लिखा, घर ले जाएं नीचे लिखा, दर्शक गाली देगा तो कहेंगे नीचे वाला पढ़ा ही नहीं.
ये लोग इतने नीचे जा चुके हैं, दर्शक को भी गर्त में पहुंचाना चाहते हैं.