छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से निकलने वाले हरिभूमि के 28 जून के एडिशन में पुरुष और महिला की फ़ोटो समेत विज्ञापन छपा- “भैया-भाभी को सालगिरह की बधाई…. फ़लाँ समय और फलां स्थान पर है कार्यक्रम.” और तो और, फ़ोन नंबर भी बाक़ायदे दिया गया है। ये विज्ञापन सही है या परेशान करने के मक़सद से किसी साज़िश का हिस्सा है, यह जाँचे बिना विज्ञापन प्रकाशित हो गया. अगले दिन भूल सुधार भी छप गया कि विज्ञापन भ्रामक है, मिथ्या है।
तो भई सवाल यही उठता है कि पैसों के लिए क्या बुद्धि बेच दोगे? कुछ भी छाप दोगे? फ़ोटो लगा दी, फ़ोन नंबर छाप दिया। इतना तो अक़्ल लगाले कि ऐसा विज्ञापन आज तक तो किसी ने शायद ही छपवाया हो क्योंकि ऐसे तो पूरा शहर पहुँच जायेगा मुफ़्त की मलाई खाने। ख़ैर ये था कोरपोरेट जगत का “बड़ा नमूना”
आशीष चौकसे
इंदौर