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सुख-दुख

महिला पत्रकार के घर पर कब्जा कर भूमाफिया करवा रहा है निर्माण!

सरकार-प्रशासन हारी भूमाफिया सब पर भारी

बनारस। उत्तर प्रदेश में भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए भूमाफिया पोर्टल पर भले ही भूमाफिया दम तोड़ चुके हो पर हकीकत की जमीन पर भूमाफिया और जमीन-मकान पर कब्जा करो गैंगआल इज वेल की स्थिति में है क्यों कि सरकारी ठसक और प्रशासनिक हनक दोनों इनके आगे घुटने पर है और न्यायालय का आदेश इनके लिए मायने नहीं रखता। लाक डाउन के चलते लोग भले ही मंदी काट रहे है पर भूमाफिया का धंधा जोरो पर है लाक डाउन ने इनके लिए कब्जा, अवैध निर्माण के रास्ते सुरक्षित कर दिए है। सोशल डिस्टेंस ने पीड़ित को न्याय से दूर तो भूमाफिया को मनमाने पन की छूट दे दिया है।

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बीते साल लाक डाउन के दौरान भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी स्थित आज अखबार मे उपसंपादक पद पर कार्यरत महिला पत्रकार सुमन द्विवेदी के मकान पर जिस भू माफिया ने जबरन तालाबंदी की थी वहीं तथाकथित बाबा श्रवण दास अब उसी मकान में दिन के उजाले में तोड़फोड़ कर निर्माण करवा रहा है महिला पत्रकार के कमरे की छत खोल दी गई है ये सब तब हो रहा है जब Acm प्रथम ने इस पूरे प्रकरण में 245 CRPC के तहत कार्रवाई की है मामला उनके न्यायालय में चल रहा है। यही नहीं इस मामले में भेलूपुर थाने में तथाकथित बाबा श्रवण दास और हैप्पी उपाध्याय के खिलाफ IPC की धारा 323,504,506 और 448 के तहत मुकदमा भी दर्ज है।

इंसाफ के लिए एक तरफ पत्रकार सुमन द्विवेदी साल भर से न्यायालय का चक्कर लगा रही है तो दूसरी तरफ तथाकथित बाबा श्रवण दास न्यायालय और पुलिस दोनो को ठेंगा दिखाते हुए मकान में तोड़फोड़ कर नया निर्माण करवा रही है।

पिछले अप्रैल में लाक डाउन के दौरान महिला पत्रकार सुमन द्विवेदी ने अपने घर को भूमाफिया के गिरफ्त से मुक्त कराने के लिए भेलुपूर थाने से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों के दर्जनों चक्कर काटे, अनुनय-विनय किया, दर्जनों प्रार्थना पत्र दिया लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई उल्टे पुलिस उनसे ही सवाल पूछती रही। मामला न्यायालय पहुंचा और फिर तारीख पर तारीख के बीच सुमन द्विवेदी दौड़ती रही और आज भी दौड़ रही है दूसरी तरफ तथाकथित बाबा अपनी दबंगई के बल पर अवैध निर्माण के जरिए मकान का नक्शा ही बदलने पर लगा है। वैसे इस बाबा के किस्से कम नहीं हैं। 28 जून 2017 में इसी मकान के भूतल में बतौर किरायेदार रह रहे अखिलेश सिंह को उसके पिता के निधन के बाद दबंगई के बल पर मार-पीट कर घर से बाहर हांक दिया गया। वै

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से चर्चा तो इस बात की भी है कि लबे सड़क स्थित इस मकान पर सफेद पोश नेता और बिल्डर अपनी नज़र गड़ाए हुए है रास्ते की बाधाओं को एक-एक कर हटाने के लिए सारी फिल्डिंग सजाई गई है ताकि खरीद-फरोख्त को आसानी से अंजाम दिया जा सके।

भास्कर गुहा नियोगी
वाराणसी

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1 Comment

1 Comment

  1. Jharkhand Working Journalists Union

    June 21, 2021 at 7:16 pm

    सरकार व स्थानीय प्रशासन दोषियों पर कार्यवाई करें।

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