अभिषेक कुमार सिंह-
पटना: कल से देख रहा हूँ सोशल मीडिया पर एंकर श्वेता सिंह और एक यूटूबर का दो हज़ार रुपए के नोट में नैनो चिप पर सवाल-जवाब सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है..वायरल करने वाले लोग उस यूटूबर को ऐसे पेश कर रहे हैं जैसे उसने कोई बहुत बड़ा तीर मार लिया हो…पेश करना भी चाहिए क्योंकि शायद उस यूटूबर की जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही होगी..
खैर सबसे पहले पूरे मामले को जानते हैं
दरअसल आज तक न्यूज़ चैनल की मशहूर एंकर श्वेता सिंह न्यूज़ के सिलसिले में पटना आईं थी । इसी दौरान जदयू प्रदेश कार्यालय में एक यूटूबर द्वारा उनके 45 सेकंड के वायरल वीडियो पर सवाल किया गया..जिसमें श्वेता दो हज़ार रुपये में नैनो चिप होने की बात कर रही थी…
इसपर श्वेता सिंह ने जवाब दिया उस वीडियो को आपने पूरा नहीं देखा है पूरा वीडियो 45 मिनट का है और उस 45 मिनट से 45 सेकंड का वीडियो वायरल किया जा रहा है…श्वेता ने कहा कि 45 मिनट के वीडियो में मैंने वाट्सएप्प पर जो 2000 रुपये से सम्बंधित फेक खबरें थी उसको क्लियर किया था…इतना कह कर वो चली गई…लेकिन उस यूटूबर ने यह सवाल पूरे प्लानिंग के साथ किया था…
जैसे ही उस यूटूबर ने सवाल किया उसके साथ खड़े और लड़के जो अलग अलग यूटूब चैनल के थे उन्होंने अपना मोबाइल खोल रिकॉर्डिंग शुरू कर दिया…और उसके बाद वो यूटूबर जितने भी यूट्यूब चैनल है उनको इंटरव्यू देते है कि मैंने तीर मार लिया…
सभी यूट्यूब वाले अलग-अलग स्टाइल में थंबनेल और टाइटल लिखने लगे ..जैसे फलाना के सवाल पर आजतक की एंकर फड़फड़ाने लगी…वगैरह वगैरह…
लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि कितना जायज है कि किसी के साथ बातचीत बिना उसके अनुमति के रिकॉर्ड कर लिया जाए और वायरल कर दिया जाए…
अगर उस यूटूबर को सवाल रिकॉर्ड करना ही था तो सबसे पहले श्वेता सिंह से इंटरव्यू लेने की ईक्षा जाहिर करता…5 मिनट समय लेता और जितने भी सवाल उसके मन मे उमड़ रहे थे वो पूछता..मुझे उसके सवाल पूछने से कोई ऐतराज नहीं है…
सवाल होना चाहिए..लेकिन सही तरीके से…कल होकर कोई किसी से बात करना नहीं चाहेगा…एक अलग परंपरा की शुरुआत हो गई है..बिहार के यूटूबर्स गैंग पर विस्तृत जानकारी अगली लेख में दूंगा…
Comments on “बिना अनुमति किसी की बातचीत रिकॉर्ड कर वायरल कर देना कितना जायज?”
क्यों झूठे से सवाल करना गलत क़ाब से हो गया
जब व्यक्ति पर्सनल लाइफ में होता है तब उसकी अनुमति लेनी पड़ती है। जब आप डयूटी पर तो आपकी पर्सनल लाइफ नहीं होती। जब आपका कृत्य सामाजिक तौर पर असर डालता है तब आपकी वह निजी जिंदगी नहीं हो सकती।
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ऐसे में तो सरकारी अधिकारी कर्मचारी, मंत्री बात करने से मुकर जाएं कि आप हमारी निजता का हनन कर रहे हैं। मतलब यहां पर्सनल लाइफ का फंडा लागू नहीं होता।