बीजेपी के सभी प्रवक्ताओं को कुछ दिन के लिये चैनल्स से दूरी बना लेनी चाहिये. अगर जाएं भी तो अब उन्हें बड़ी-बड़ी बयानबाजी नहीं करनी चाहिये. आज कोई बोल रहा था मसूद अजहर को पकड़ कर लाएंगे. ये सब नौटंकी बंद होनी चाहिये. प्रधानमंत्री को भी जो भरोसा देश के लोगों को देना था, वो दे दिया. अब पुलवामा पर कोई बयान नहीं देना चाहिये.
जो सरकारी कार्यक्रम ज़रूरी हैं, उनको छोड़कर अभी चुनाव, सभा, अन्य कार्यक्रम आदि से दूरी बना लेनी चाहिये. देश के अंदर के गुस्से को शांत करने बजाए ये बातें अब चिढ़ाती हैं. अब तभी कुछ बोलना चाहिये जब कुछ बड़ा किया जाए. इस बार प्रेस कॉन्फ्रेंस हमारी तरफ से नहीं, उधर से होनी चाहिये.
ये युद्ध हमारे नहीं बल्कि पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर में लड़ा जाना चाहिये. जब तक बैटल ग्राउंड कश्मीर रहेगा, कश्मीरी आवाम से लेकर फौज तक का नुकसान हमारा ही होगा. बैटल ग्राउंड बदलिये, और इस बार 1971 जैसा जख्म दीजिये, उसके बाद कुछ बोलिये. इसके लिये अगर सिविलियन्स कुछ कर सकते हैं तो मैं अपना जीवन न्यौछावर करने को तैयार हूं. पर प्लीज तब तक बड़ी बड़ी बातें करके हमारे गुस्से को और मत भड़काइये.
लेखक विपुल सिंह नेटवर्क18 में असिस्टेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वे ज़ी बिज़नेस, जैन टीवी में भी काम कर चुके हैं.