शंभूनाथ शुक्ल : हमने सोचा था कि बुलेट ट्रेन ऐसी होगी जिसमें बैठकर हम सवा घंटे में कानपुर पहुंच जाया करेंगे। बहुत लेट हुई और तमाम काशन मिले तो भी अधिक से अधिक दो घंटे लेकिन यहां तो गाड़ी डेढ़ घंटे में आगरा से दिल्ली आई और उसे दिखाकर सारे टीवी वाले लोटमलोट हुए जा रहे हैं। सवा घंटे तो मैं अपनी कार से परीचौक नोएडा से एत्मादपुर (आगरा से 20 किमी आगे) पूरे 165 किमी का फासला तय कर लेता हूं। इससे कम पर चलाओ तो पीछे वाला बार-बार हार्न बजाकर जीना दूभर कर देगा। यह बुलेट ट्रेन है या बुड़बक ट्रेन!
वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल के फेसबुक वॉल से.
Swapnil Kumar : साहब तो बुलेट ट्रेन की रफ्तार से काम कर रहे है जी ….. अब खुद देखिये , मात्र 40 दिनों के अंदर देश मे बहुत ही दुर्गम स्थान “कटरा से जम्मू” तक साहब ने न केवल पटरी बिछवाई , ट्रायल कराया बल्कि आज उदघाटन भी कर दिया…. वाह जी वाह ! इतना ही नहीं अभी तो भक्त बता रहे थे कि दिल्ली से आगरा जाने के लिए साहब ने बुलेट ट्रेन का लाइन भी बिछवाया दिया है और 1- 2 दिन मे ट्रायल भी हो जाएगा ! गजब साहब…. गजब ! काश इस तरह पूर्ववर्ती सरकारो ने काम किया होता तो आज हम कितना विकास कर चुके होते ?
सोशल एक्टिविस्ट स्वप्निल कुमार के फेसबुक वॉल से.
Comments on “यह बुलेट ट्रेन है या बुड़बक ट्रेन!”
ab apki tarah desh ka AAM admi thodi na CAR kharid sakta he…budwak