रांची : चतरा एसपी अखिलेश वी वारियर ने संवाददाता सम्मेलन कर जब यह खुलासा किया था कि पत्रकार चंदन तिवारी की हत्या की साज़िश का खुलासा कर लिया गया है और पुलिस को सभी साक्ष्य मिल गये हैं, आरोपियों को स्पीडी ट्रायल कर सख़्त से सख़्त सज़ा दिलाई जाएगी, तब झारखण्ड के पत्रकारों में एक आस जगी थी।
एसपी चतरा ने हत्या के 72 घंटों के अंदर हत्याकांड का खुलासा करते हुये कहा था- “तालाब निर्माण में गड़बड़ी उजागर करने को लेकर हुई हत्या की इस वारदात में पिंटू सिंह नाम के एक शख्स और उसके दो साथियों के नाम आ रहे हैं”। एसपी ने यह भी बताया कि घटना का मुख्य साजिशकर्ता पिंटू सिंह नक्सली संगठन का उग्रवादी है और पूर्व में भी इसी तरह के मामले में जेल जा चुका है।
ताजी खबर ये है कि झारखण्ड उच्च न्यायालय ने दिवंगत पत्रकार चंदन तिवारी की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता पिंटू सिंह समेत सभी आरोपियों को ज़मानत पर रिहा कर दिया। पुलिस की ओर से पिंटू सिंह के मोबाइल का सीडीआर भी न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इसके बावजूद पिंटू सिंह को जमानत मिल गई। इससे झारखंड के पत्रकारों में निराशा है। इस ज़मानत के विरुद्ध झारखण्ड पुलिस को उच्चतम न्यायालय जाना चाहिए। निचली अदालत में दोषियों की सज़ा को लेकर स्पीडी ट्रायल चलाया जाना चाहिये था।