आवश्यक सूचना…
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने बीच के साथी पत्रकार के साथ बीती 19 अप्रैल की रात जिस तरह का आमानवीय कृत्य महाराजपुर (कानपुर) पुलिस द्वारा किया गया है उसका वीडियो पूरे शहर में वायरल हो रहा है, उसकी हम सभी पत्रकार घोर निंदा करते हैं और कड़े शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
साथ ही स्थानीय जिला व पुलिस प्रशासन व शासन से मांग करते हैं कि महाराजपुर थाना पुलिस द्वारा किए गए इस विधिक विरुद्ध, आमानवीय और किसी भी व्यक्ति के मान सम्मान व सामाजिक प्रतिष्ठा को पूरी तरह से धूमिल करने वाले कृत्य के लिए उन्हें दंडित किया जाए।
निलंबन के साथ ही उनके खिलाफ समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाना चाहिए क्योंकि जिस तरह से थाना पुलिस द्वारा सभी की मौजूदगी में सार्वजनिक स्थल पर पत्रकार साथी का नग्न वीडियो बनाया गया है और पुलिस के सिपाही व थाने की जीप साफ-साफ वीडियो में नजर आ रही है, ऐसे में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस तरह की घटना किसी भी साथी पत्रकार के साथ घट सकती है यदि साथी पत्रकार ने विधि विरुद्ध कोई कार्य किया था तो उसके खिलाफ पुलिस को मुकदमा पंजीकृत जेल भेजना चाहिए था ना कि इस तरह से नग्न वीडियो बनाकर वायरल करना चाहिए था।
(कानपुर के कुछ पत्रकारों व मीडिया संगठनों द्वारा प्रेषित मेल पर आधारित)
देखें तस्वीरें जिसमें पुलिस वाले पत्रकार को पीटने के बाद उसका आई कार्ड गले में पहना कर वीडियो बना रहे हैं और उसी के बाद अलग ले जाकर नंगा करने के बाद वीडियो बनाया गया।
उपरोक्त तस्वीरें जिस वीडियो से निकाली गई हैं वो वीडियो भड़ास के पास सुरक्षित है…
उधर कानपुर प्रेस क्लब ने चंदन को निष्कासित कर दिया है और उन पर शराबखोरी व परिजनों से मारपीट करने का आरोप लगाया है… देखें ये लेटर…
बताया जा रहा है कि कानपुर प्रेस क्लब की कार्यकारणी के सदस्य और के न्यूज़ चैनल पत्रकार चंदन जायसवाल शराब के नशे में एक मकान कब्जा करने की घटना कवर करने गए थे और वहीं पुलिस की गुंडागर्दी का विरोध किया तो पुलिस वालों ने पत्रकार पर हमला बोल दिया। उसके बाद पत्रकार को बुरी तरह पीट कर भयाक्रांत करने के बाद अगवा कर लिया। उसके बाद नंगा कर वीडियो बना लिया। फिर इस वीडियो को ये कह कर वायरल कर दिया कि पत्रकार नशे में खुद नंगा हो गया था।
मूल खबर-
Comments on “नंगा पत्रकार वाली खबर की सच्चाई ये है- पुलिस ने पीट कर कपड़े उतारे और वीडियो बना किया वायरल! देखें नई तस्वीरें”
पुलिसकर्मियों का यह कृत्य बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जिन पुलिस वालों ने उक्त सज्जन के साथ ऐसा कृत्य किया है। उनके भी कपड़े भरे बाजार में उतार कर घूमना चाहिए।
योगी जी आपके गुंडे पुलिस वाले ये क्या कर रहें है-?
कब तक पत्रकारों के साथ ऐसा करवाते रहोगे-?
राहुल सिसौदिया-पत्रकार
पत्रकारों के प्रति ऐसा क्रत्य बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है हम इसकी घोर निंदा करते हैं..!!
परंतु यह एक सोचने का विषय हम पत्रकारों का भी है कि ऐसे हालत ही क्यों पैदा हो…..सराब सब कुछ नष्ट कर देती है…..सायद सराब न होती किसी की औकात नही थी पत्रकार के साथ ऐसा व्यवहार करने की……..Kpba
Network 10 छोड़ दिया लगभग 2 वर्ष काम करने के क्योंकि चैनल के द्वारा रिपोर्टर से फ्री में काम करवाया जाता है और जब रिपोर्टर पेमेंट की बात करते हैं तो बाहर निकाल दिया जाता है सिर्फ चैनल रिपोर्टर से फ्री में काम करवाना जानते हैं मैंने भी लगभग 2 वर्ष तक चैनल में काम किया जिसके बाद मैंने पेमेंट ना मिलने के चलते छोड़ दिया
मानवता को शर्मसार करने व पत्रकार के चरित्र का हनन करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कारवाई हो।निरंतर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बनाने की अपील की जा रही फिर भी पता नही किस अनहोनी होने का इंतजार किया जा ऱहा है।
हालात बद से बदतर हो चुके है । अब लोग स्टिंग तो करते ही है लेकिन पुलिस जब इस तरह का काम कर रही हो और प्रेस क्लब ही कार्यकारिणी सदस्य की सदस्यता तत्काल घटना के बाद रद्द कर दे तो भला पीड़ित पत्रकार के लिए इंसाफ की लड़ाई कौन लड़ेगा हालांकि इस घटना को लेकर आज डीजीपी से जब शिकायत की गई तो एक सिपाही को निलंबित किया गया है । यही घटना यदि किसी अधिवक्ता के साथ हुई होती तो सुबह होते ही गदर मच गई होती लेकिन दुर्भाग्य यह है कि हम पत्रकार है । जब आपस मे ही एक दूसरे की टांग हम ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर खीचेंगे तो वह दिन दूर नही जब मठाधीशो के भी वीडियो इसी तरह वायरल होंगे ।
इससे अधिक कुछ नही लिखूंगा
आज शर्मसार हूँ
इस तरह की घटनाएं निंदनीय नहीं आपराधिक हैं। इसका हर स्तर पर विरोध होना चाहिए क्योंकि यह बढ़ती ही जा रही है। अफसोस तो यह है कि पत्रकारों का उत्पीड़न सत्ता के संरक्षण में हो रहा है।