पीड़िता को दूसरे कॉलेज में शिफ्ट करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न मामले में उच्चतम न्यायालय ने एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। उच्चतम न्यायालय ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह पीड़िता को किसी अन्य कॉलेज में शिफ्ट करें। उच्चतम न्यायालय ने पूरी जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी करने का भी निर्देश दिया है।उच्चतम न्यायालय ने मामले में स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोपों की भी जांच अलग से कराने के निर्देश दिए हैं।
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि आईजी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करवाई जाए। इतना ही नहीं शाहजहांपुर के एसएसपी को लड़की और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है। उच्चताम न्यायालय ने कहा कि दिल्ली पुलिस बुधवार तक छात्रा और उसके पेरेंट्स की सुरक्षा करे। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।उच्चतम न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में कोई राय नहीं दे रहा है।
न्यायाधीश आर भानुमति और एएस बोपन्ना की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि छात्रा ने उस कॉलेज में न पढ़ने की इच्छा जताई है। यूपी सरकार आस-पास के किसी लॉ कॉलेज की जानकारी कोर्ट को दो दिन में मुहैया करवाए।उसकी पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए उसका एडमिशन भी सुनिश्चित हो चाहे इसके लिए सीट की संख्या ही बढ़ानी क्यों न पड़े।पीठ ने कहा कि अब इस मामले में अगला आदेश हाईकोर्ट ही जारी करेगा। पीठ ने कहा कि छात्रा ने कॉलेज पर भी आरोप लगाए हैं, उसकी भी जांच होगी।पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुरोध किया कि मामले में दाखिल की गई दो क्रॉस एफआईआर में जांच की निगरानी के लिए एक पीठ का गठन करे। पीठ ने कहा कि विशेष जांच दल, जिसमें एसपी स्तर का एक अधिकारी भी होगा, छात्रा के आरोपों की जांच करे।
गौरतलब है कि लॉ की 23 साल की इस छात्रा ने 24 अगस्त को फेसबुक पर एक विडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने पीड़िता समेत कई लड़कियों का यौन शोषण किया है। उसने यह भी दावा किया कि उसके पास इसके सबूत हैं। यह विडियो पोस्ट करने के बाद छात्रा गायब हो गई थी। शाहजहांपुर पुलिस ने 25 अगस्त को चिन्मयानंद के कानूनी सलाहकार ओम सिंह की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ जबरन वसूली और सूचना तकनीक ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी।
छात्रा के लापता होने के बाद एक वीडियो क्लिप में स्वामी चिन्मयानंद पर छात्रा द्वारा उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर 27 अगस्त को कि शाहजहांपुर पुलिस ने चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर लिखी थी। वीडियो में छात्रा ने अपने और अपने परिवार पर खतरा होने की बात भी कही थी। छात्रा के पिता ने चिन्मयानंद पर उसकी बेटी का यौन शोषण करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। हालांकि, चिन्मयानंद ने इसे उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए साजिश कहा था।छात्रा के पिता का आरोप है कि उसकी बेटी को 72 वर्षीय भाजपा नेता चिन्मयानंद ने लापता कराया था, जो मुमुक्षु आश्रम चलाते हैं। उनकी बेटी आश्रम द्वारा संचालित एक कॉलेज में एलएलएम की छात्रा है।
वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट.