Prashant Tandon-
जब बीजेपी को 7 दिन लगे थे यूपी का मुख्यमंत्री तय करने में… 11 मार्च 2017 को नतीजे घोषित हुये और बीजेपी को बहुमत मिल गया.अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य थे और मुख्यमंत्री के दावेदार भी.
लेकिन मोदी के कैंडीडेट थे मनोज सिन्हा. उन्हे कह भी दिया गया. मनोज सिन्हा काशी विश्वनाथ के दर्शन करके धूमधाम से 17 मार्च को लखनऊ की तैयारी कर रहे थे.
योगी आदित्यनाथ सीन में ही नहीं थे और नतीजों के बाद गोरखपुर चले गये. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ उन्हे विदेश यात्रा में जाना था.
18 मार्च की सुबह को सांस्कृतिक संगठन आरएसएस के भैया जी जोशी का फोन जाता है तब के बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के पास जिसमे योगी को मंत्री बनाने की मंशा जाहिर की जाती है.
अमित शाह और मोदी तय करते हैं कि मनोज सिन्हा की कुर्बानी दी जाये और योगी को दिल्ली बुलाया जाय.
दिल्ली से गोरखपुर एक चार्टर प्लेन भेजा जाता है. योगी की मोदी – अमित शाह से मुलाकात होती है और 18 की ही शाम लखनऊ में वो शपथ लेते हैं.
इस पूरी खींचतान में 7 दिन का समय लगता है.