वाराणसी : मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में प्राइवेट नर्सिंग होम किस तरह से मरीज की जिदंगी से खेल रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण डाफी टोल प्लाजा के पास स्थित मैक्सवेल अस्पताल के लापरवाही का शिकार बना ओंकार नाथ तिवारी है। ओंकार का कहना है, किसी सर्जन ने नहीं, उसका पैर तो चार कम्पाउंडरों ने मिलकर काटा था।
क्रूर कंपाउंडरों ने काट डाला पैर, अस्पताल में बेड पर पड़ा ओंकारनाथ तिवारी
फिलहाल सर सुन्दर लाल अस्पताल के स्पेशल वार्ड के कमरा न.15 बी के बिस्तर पर हर पल जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे 17 साल के नवयुवक ओंकार नाथ तिवारी की आंखों से बहते आंसू उसके साथ इलाज के नाम पर हुए लापरवाही की कहानी अपने आप कह रहे हैं। ये तो तय है कि ओंकार के मर्ज का सही इलाज करने की जगह उसे दर्द ही दिया गया। वो भी ऐसा दर्द, जिसे वो सारी उम्र चाहकर भी नहीं भूल सकता। नर्सिंग होम के आपरेशन थियेटर के भयावह पलों को याद करते हुए वो कहता है, मैं दर्द से बेहाल था, वो मेरे पैर को काटने की बात कर रहे थे, मैं नहीं चाहता था कि मेरे पैर को काटा जाय, मुझे बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया।
वो चार लोग थे, जो कम्पाउंडर थे, फिर वहां कोई डा. बरनवाल आए, जो प्लास्टिक सर्जरी के डाक्टर थे मेरे पैर की स्थिति को देखकर वो भी नाराज हुए थे, उन्होनें भी आपरेशन थियेटर में मौजूद लोगो को जमकर फटकारा था। उसके बाद आहिस्ता-आहिस्ता मेरा होश जाता रहा।
ओंकार के अनुसार नर्सिंग होम में मुझे लाने के 12 घंटे बाद तक मेरा इलाज तक नहीं किया गया। दर्द से मैं ऐसे ही तड़पता रहा। मेरे पैर को इस तरह से बांधे रखा गया कि रक्त संचरण ही रूक गया । मेरा पैर काला पड़ गया। रविवार की शाम आपबीती सुनाते हुए ओंकार के आंसू नहीं रूक रहे थे।
अपने कटे पैर की तरफ दिखाते हुए वो बोला- देखिए न, इसमें इसमें मवाद भर गया है, बदबू भी आ रही है। इतना कहकर वो चुप हो जाता है, लेकिन उसकी चुप्पी एक सवाल जरूर खड़ा कर जाती है कि सिर्फ मुनाफे के लिए इंसानी जिंदगी से खेले जाने वाले इस खेल पर रोक कौन लगायेगा? दूसरी तरफ ओंकार के परिजनों का कहना है कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका ठीक नहीं है।
लंका पुलिस उनकी शिकायत पर नामजद प्राईवेट नर्सिंग होम मैक्सवेल अस्पताल और उसके संचालक पर एफआईआर तक नहीं दर्ज कर रही है। उल्टे समझौते के लिए लगातार पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाया जा रहा है। ओंकार के भाई अंजनी तिवारी कहते हैं- आप समझ लिजिए कि हम तीन बार थाने गये, बीते शनिवार को सीओ लंका और एसओ अस्पताल आये। उनके साथ मैक्सवेल अस्पताल के वो लोग थे, जिनके खिलाफ थाने में लिखित एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है।
वाराणसी के युवा पत्रकार-लेखक भास्कर गुहा नियोगी से संपर्क : [email protected]