अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-
कोरोना से संघर्ष में अभी भी मोदी सरकार तीन ऐसी बड़ी गलतियां कर रही है, जिससे यह लड़ाई न सिर्फ और लंबी खिंचने के आसार हैं बल्कि तबाही भी बढ़ने की पूरी आशंका है. ईश्वर न करे लेकिन भारत में यदि वाकई तीसरी लहर आई तो सरकार की यह तीनों गलतियां देश पर बहुत भारी पड़ सकती हैं.
पहली बड़ी गलती सरकार की यह है कि उसने अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा की तरह बच्चों के वैक्सिनेशन के लिए जल्द से जल्द कोई इंतजाम नहीं किए हैं. मीडिया में कड़ी आलोचना होने के बाद अभी एक दिन पहले नींद से जागी सरकार ने बच्चों के वैक्सिनेशन के लिए दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी दी है. जाहिर है, इसके नतीजे आने और फिर वैक्सिनेशन शुरू होने में महीनों लगेंगे और तब तक देश का भविष्य यानी की अगली पीढ़ी की जान खतरे में रहेगी.
सरकार को चाहिए कि वह फाइजर के उसी टीके को यहां वैक्सिनेशन के लिए तत्काल प्रभाव से मंजूरी देकर वैक्सीन का इंतजाम करे, जिसका इस्तेमाल अमेरिका, इंग्लैंड आदि में हो रहा है.
दूसरी बड़ी गलती सरकार यह कर रही है कि वह चौतरफा दबावों के बावजूद नेशनल लॉक डाउन का ऐलान नहीं कर रही है. जबकि भारतीय मेडिकल संस्थाओं, अंतरराष्ट्रीय एवम् राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स ने साफ कह दिया है कि लॉक डाउन और उसके साथ साथ तेज गति से वैक्सिनेशन अगर भारत ने नहीं किया तो यह तबाही रोक पाना मुश्किल है.
तीसरी गलती सरकार की तरफ से यह हो रही है कि वह लोन की किश्त, बिजली के बिल, स्कूल की फीस आदि को लेकर देश की जनता को कोई राहत नहीं दे रही है. यदि सरकार ने जल्द से जल्द आर्थिक राहत के क़दमों की घोषणा नहीं की तो देश के ज्यादातर मध्यमवर्गीय या कम आय वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक संकट गहरा हो जाएगा.
उपरोक्त तीन बड़ी गलतियों के साथ साथ सरकार एक और मोर्चे पर नाकाम नजर आ रही है, वह है 18 से ऊपर की आबादी का वैक्सिनेशन. सरकार जिस रफ्तार से 100 करोड़ से ऊपर लोगों के लिए वैक्सीन की डबल डोज यानी 200 करोड़ डोज जुटाने में लगी है, उससे तो लगता है कि महीनों नहीं बल्कि बरसों लगेंगे देश में वैक्सिनेशन पूरा होने में.
दूसरी लहर से जूझने के लिए होने वाले इंतजाम में सरकार की गलतियां अब अतीत की बात हो गईं. लेकिन तीसरी लहर में यदि सरकार इन गलतियों से बचे तो शायद मौजूदा तबाही जैसा मंजर दोबारा देखने को न मिले. बाकी मोदी राज में सरकार की गलतियां ढूंढ़ना या उसे सलाह देने का कोई फायदा दुनिया के बड़े से बड़े एक्सपर्ट को भी अभी तक नहीं हुआ है…इसलिए यही कहा जा सकता है कि सरकार तो नहीं सुधरेगी. बेहतर होगा कि हम अपनी सरकार को पहचान कर खुद ही जितना बचाव कर सकें, कर लें.