Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

एनडीटीवी के प्रणव रॉय और राधिका रॉय को सेबी की नोटिसों का सामना करना चाहिए : मुंबई हाईकोर्ट

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम की धारा 12 (डी) और 12 (ए) के कथित उल्लंघन के लिए प्रणय रॉय और राधिका रॉय को भेजे गए कारण बताओ नोटिस के खिलाफ प्रणय रॉय और राधिका रॉय की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं प्रणय राय और राधिका राय को नोटिस का सामना करना चाहिए और सेबी के समक्ष सुनवाई में भाग लेना चाहिए।यदि उनके खिलाफ कोई सामग्री नहीं है तो नोटिस विफल हो जाएंगे।

न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति आरआई चागला की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं और सेबी के लिए अर्णव मिश्रा के साथ याचिकाकर्ताओं और वरिष्ठ वकील जेजे भट्ट के अधिवक्ताओं फ़र्शे सेठना और अधिवराज मल्होत्रा के तर्क सुनने के बाद उक्त टिप्पणी की। खंडपीठ छह जनवरी को आदेश सुनाएगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

31 अगस्त, 2019 को सेबी ने नोटिस जारी करते हुए आरोप लगाया कि याचिकाकर्ताओं ने “अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी” के कब्जे में रहते हुए एनडीटीवी के शेयरों का कारोबार किया था। रॉय ने उन सभी दस्तावेजों, रिकॉर्डों और आंतरिक फाइलों और नोटिंग्स का निरीक्षण करने की भी मांग की है, जिन्हें बाजार नियामक ने उक्त नोटिस जारी करने के लिए बनाया है।

याचिका में कहा गया है कि कारण बताओ नोटिस मनमाना, अनुचित और शक्ति के घोर दुरुपयोग में जारी किया गया है और याचिकाकर्ता को प्रतिबंध, खतरे, पूर्वाग्रह और कठिनाई में डालता है। एनडीटीवी के खिलाफ सेबी द्वारा पहला कारण बताओ नोटिस 12 फरवरी, 2015 को जारी किया गया था, जिसमें इस आधार पर सूचीकरण समझौते के खंड 36 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा गया था कि रु 450 करोड़ की कर मांग का खुलासा नहीं किया गया था, जो कि वर्ष 2009-2010 के लिए कंपनी एक मूल्यांकन आदेश के तहत उठाया गया था। इसके बाद सेबी ने 17 मार्च, 2015 को पहले कारण बताओ नोटिस के लिए एक अधिशेष जारी किया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मीडिया कंपनी एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आंतरिक व्यापार नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में 2018 में सेबी द्वारा उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अदालत ने कहा कि वह छह जनवरी को आदेश सुनाएगी। उसने कहा कि रॉय दंपति नोटिस का सामना कर सकते हैं तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष सुनवाई में उपस्थित रह सकते हैं। याचिका में अदालत से मांग की गयी है कि नोटिस को रद्द किया जाए और सेबी को रॉय दंपति को सभी दस्तावेजों, रिकॉर्डों तथा आंतरिक फाइलों एवं नोटिंग्स को देखने की अनुमति दी जाए जिनके आधार पर नियामक ने नोटिस जारी किया।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement