आज 4 मई को लेबर कोर्ट, हिसार में टर्मिनेशन के मामले की तारीख थी। हमने रेफरेन्स सम्बन्धी प्रबंधन की आपत्ति को ख़ारिज करने वाले श्रम सचिव, हरियाणा के संशोधन पत्र को कोर्ट में सबमिट किया। जिस पर न्यायाधीश महोदय ने हमसे पूछा कि इस संशोधन के प्रकाश में हम अपने क्लेम स्टेटमेंट में कोई सुधार करना चाहते हैं या नहीं। तो हमारे वकील से चर्चा करने के बाद यही फैसला लिया गया कि हम कोई सुधार नहीं करेंगे।
दूसरी तरफ प्रबंधन ने आज फिर क्लेम स्टेटमेंट का कोई जबाब नहीं दिया। कोर्ट की तरफ से उनको जबाब देने के लिए यह चौथा मौका था। प्रबंधन की तरफ से आज वकील नहीं आईं और सचिन पेश हुआ। उसने कहा कि हमारा वकील आज हिसार में नही है,और जबाब के लिए समय मांगा। पहले तो जज साहब ने इनकार कर दिया और आज ही जबाब देने के लिए कहा।
आज की कार्यवाही रुक रुक कर तीन बार में पूरी हुई। काफी जिल्लत व जलालत के बाद 10 मई को जबाब के लिए प्रबंधन को अंतिम अवसर दिया गया। जज साहब ने स्पष्ट कह दिया कि उस दिन जवाब नहीं दिया गया तो आगे कोई मौका नहीं दिया जाएगा और प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। जज साहब ने साफ करते हुए कहा कि यह मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से 6 माह की समय सीमा में निपटाना है। मामले को टाइम से निपटाने के लिए अब सुनवाई हर दिन होगी (कोर्ट हिसार में दो दिन वीरवार और शुक्रवार को ही लगती है)। अर्थात अब मामले की सुनवाई प्रत्येक वीरवार व शुक्रवार को होगी।
बृजेश कुमार पाण्डेय
हिसार