दैनिक जागरण के इलाहाबाद संस्करण का पिछले कुछ महीनों से स्तर गिरता जा रहा है. गत 10 , 11 व 12 जनवरी को इलाहाबाद के गाँधी भवन (चैथम लाइन्स) में संस्कार भारती में राष्ट्रीय स्तर के चित्रकार शिविर का आयोजन किया था. इसमें कई राज्यों के चित्रकारों ने भाग लिया और अपनी पेंटिंग का प्रदर्शन किया. इस अवसर पर संगोष्ठी व कार्यशाला का भी आयोजन हुआ.
पहले व दूसरे दिन की खबर तो जागरण ने छापी ही नहीं जबकि उसके पास आयोजकों ने खबर भेज दी थी. तीसरे दिन समापन पर भी ना तो रिपोर्टर कवर करने गया और ना फोटोग्राफर गया.. आयोजकों ने खबर और फोटो खुद ही भेज दी थी ….. आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि जागरण के सम्बंधित डेस्क या कहें रिपोर्टर ने जिस हास्यास्पद तरीके से खबर छापी, उसे देखकर कोई भी जागरूक पाठक यह कह सकता है कि यहाँ जिम्मेदारी का घोर अभाव है…
शहर में कोई व्रतशील शर्मा हैं कथित साहित्यकार…उनका शौक है 7 -8 लोगों को कहीं बुलाकर बैठक या गोष्ठी कर डालते हैं. कभी किसी प्रतिमा के सामने तो कभी अपने घर पर. खास बात तो यह कि फोटोग्राफर भी उनके इस कथित कार्यक्रम में पहुँचता है और फोटो के साथ अगले दिन खबर कम से कम तीन कॉलम में जरूर छपती है. इन 7 -8 लोगों में एक- दो को छोड़ सभी चेहरे वही होते हैं.
कई बड़े कार्यक्रम को तो सिंगल या समाचार सार में निपटा दिया जाता है जबकि इन शर्मा की खबर को मानकों को ताक पर रखकर इतनी तवज्जो क्यों दी जाती है? हर सप्ताह 2 -3 दिन जरूर वह जागरण में छपे मिलेंगे. अमर उजाला और हिंदुस्तान शर्मा की खबर को कोई महत्व नहीं देते.
जागरण के उत्तर प्रदेश संपादक आशुतोष शुक्ल इन सबसे बेखबर हैं. कई बार उन्हें पाठकों ने उनके ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके सचेत भी किया कि वह इलाहाबाद संस्करण पर गंभीरता से ध्यान दें लेकिन उनपर कोई असर नहीं पड़ा. जिन खबरों को अमर उजाला और हिंदुस्तान व अन्य अख़बार संक्षेप लायक भी नहीं समझते..उन्हें संबंधों की मेहरबानी से जागरण 3-4 कॉलम में छाप देता है.
संलग्न खबर में आप देखेंगे कि मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकेडमी के सचिव देवेंद्र नाथ त्रिपाठी का चार लाइन का बयान है….वह कहाँ बोल रहे हैं …किस समारोह में? इनसब का उल्लेख नहीं है. …इस तरह की खबर को तो समाचार सार में भी नहीं लगाया जाता.