मोदी सरकार की तरफ से दूरदर्शन और आल इंडिया रेडियो में बड़े पैमाने पर भर्ती की तैयारी चल रही है. इसके पीछे वजह बताया जा रहा है दूरदर्शन को निजी चैनलों के मुकाबले खड़ा करने की मंशा. भर्तियों के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय में तैयारियां भी शुरू हो गई है. मंत्रालय की ओर से जल्द ही दूरदर्शन में देशभर के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की भर्ती शुरू करने की योजना है. पेशेवर कलाकारों, समाचार रिपोर्टरों और संपादकों की भर्ती करने की योजना बनाई जा रही है.
दूरदर्शन पर सरकार का नियंत्रण खत्म करने की पैरवी करने वाली सरकार डीडी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो के लिए एक पेशवर संपादक नियुक्त करने की भी बात कर रही है. माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया में यूपीए सरकार के कई करीबी लोगों की छुट्टी दूरदर्शन से हो सकती है. दूरदर्शन को नया रूप और रंग देने की सरकार की योजना में सार्वजनिक प्रसारणकर्त्ता के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों में भी बड़े पैमाने पर भर्ती करने की योजना है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि लगभग एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों, पेशेवर कलाकारों, संवाददाताओं और उप संपादकों की नियुक्ति करने की तैयारी है. सूचना और प्रसारण मंत्री पिछले दिनों दूरदर्शन को बीबीसी की तर्ज पर बनाने की बात कर चुके हैं. सरकार दूरदर्शन को निजी चैनलों के मुकाबले खड़ा करने की वकालत कर रही है.
जावड़ेकर कहते हैं कि दूरदर्शन की लोगों में लोकप्रियता यानी टेलीविजन रेटिंग प्वाइट (टीआरपी) पहले नंबर पर होनी चाहिए. मगर दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं है. मनोरंजन और समाचार की गुणवत्ता को निजी चैनलों से ज्यादा बेहतर बनाया जाएगा. साथ ही सरकार प्रसार भारती को स्वतंत्र बनाने की बात कर रही है. इसके पुनर्गठन को लेकर काम शुरू हो गया है. दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के लिए एक पेशेवर संपादक नियुक्त कर सरकारी नियंत्रण खत्म करने की दिशा में बात की जा रही है.
ajay srivastav
June 17, 2014 at 12:01 pm
ऐसे फैसलों का हम स्वागत करते है पर सरकार को दुराशय की स्थिति से बचना चाहिए और जिन कर्मियों को छांटने की बात की जा रही है जरा गौर से सोचिये वे नौकरी छूटने के बाद कहाँ जाएंगे, उनके परिवार वाले क्या खाएंगे ? यहाँ पर सरकार की सोच गंदी प्रतीत होती दिखाई देती है ! सरकार को यदि ये लगता है की वे काॅंग्रेसी कर्मी है तो उन्हें कोई ऐसी सजा दे की वे बी जी पी के हो जाए !! क्या ऐसा करने से दूरदर्शन की शक्लो सूरत बदल पाएगी ??!! मेरे समझ से कत्तई नहीं क्योकि आज बी जी पी सरकार जब ऐसा कर कांग्रेस सरकार आने पर वे भी बी जी पी के समय में नियुक्त कर्मियों को बाहर करेगी बेरोजगार करेगी ! इस समस्य का समाधान सिर्फ ये है की सिर्फ निक्क्मे कर्मियों को ही बाहर किया जाए न की इस आशय से की वो कांग्रेसी माइंड वाला है !
vijai
June 17, 2014 at 3:34 pm
faisla swagat yogya hai lekin ek bat yad dila doon ki all india radio men pichhle 22-23 salon se jyada samay se jo log casuals ke roop men programme side men anvarat apni sevayen de rahe hain unko niymit kar unke pariwaron men khushiyan layenge to achchha hoga, kyonki pichhle 2 year se unhe bahar karne ka kuchakra racha ja raha hai jabki 70% ritayard logon se sevayen lee ja rahi hain aisa kar unhe dohra labh pahunchaya ja raha hai jo uvaon our berojgaron ke sath anyay hai