कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया यानि सीपीआई के प्रवक्ता कामरेड अमीर हैदर जै़दी तो दीपक चौरसिया को नहीं झेल पाए. हिंदू-मुस्लिम वाली एक डिबेट शो में उनका धैर्य जवाब दे गया. इसके बाद वे लगे दनादन दीपक चौरसिया को सुनाने. उनने कुछ ऐसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया जिसे उचित नहीं कहा जा सकता.
पर सारी समस्याओं को छोड़कर दिन भर हिंदू-मुस्लिम बहस चलाने वाली न्यूज चैनलों की परिपाटी को कामरेड की इस लाइव ‘क्रांति’ से झटका जरूर लगा होगा. संभव है उन्हें अब आगे से दीपक चौरसिया अपने चैनल पर न बुलाएं लेकिन उन्हें ये सबक तो मिल ही गया होगा कि सत्ता के इशारे पर केवल हिंदू-मुस्लिम वाली पत्रकारिता करना ठीक नहीं.
देश के सामने बेरोजगारी, मंदी, महंगाई जैसे ढेर सारे मुद्दे हैं जिन पर कोई चैनल चर्चा नहीं करना चाहता. इनका प्रिय विषय बस हिंदू, मुस्लिम और पाकिस्तान है. ऐसे में किसी न किसी का धैर्य तो एक दिन खत्म होना ही था.
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