के. सत्येन्द्र-
यूपी के गोरखपुर में एक गांव ऐसा है जहां के धंधेबाज रसोई गैस पर खाना पकाने की जगह कच्ची शराब बना कर आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत करने में जी जान से जुटे हुए हैं। ऐसा क्रांतिकारी परिवर्तन किसी अकेले इंसान के बस की बात नहीं है। बगैर खाकी के सपोर्ट के ऐसे क्रांतिकारी परिवर्तन के विषय में सोचना भी अपराध है इसलिए यहाँ भी इस क्रांतिकारी परिवर्तन में चौकी के दरोगा और दीवान जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इस चौकी पर चार सालों से भी अधिक समय से तैनात दीवान जी इस पूरे धंधे के मास्टर माइंड हैं। ज्यों ही कोई नया दरोगा इस चौकी पर आता है दीवान जी सारे धंधे के राज दरोगा जी को बता देते हैं। इस चौकी पर दीवान जी और दरोगा जी दोनो मिलकर नौजवानों के बीच रोजगार और स्वावलंबन की अलख जगाए हुए है। दोनों ने मिलकर गांव के बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। जो काम ससुरी सरकार को करना चाहिए था वो बेचारे दरोगा और दीवान जी कर रहे हैं।
अब दरोगा और दीवान जी की इतनी इंसानियत के बाद भी यदि उन्हें कुछ उल्टा सीधा कहे तो ये महापाप होगा। रसोई गैस पर बनती कच्ची शराब की यह तस्वीर गोरखपुर जिले के सोनबरसा गांव की है जो जगदीशपुर पुलिस चौकी के अंतर्गत आता है। यहां सालों से लगभग हर घर मे कच्ची शराब बनाई और बेची जाती है।
सूत्र बताते हैं कि गांव में कच्ची शराब बनाने वाले लोग वक्त के बहुत पाबंद और अनुशासित है इसलिए हर महीने समय से चौकी का हिस्सा चौकी तक पहुँचा देते हैं। अगर कभी देर हो गयी तो दीवान जी के इशारे पर दरोगा जी की इंसानियत करवट लेने लगती है और जहाँ इंसानियत ने करवट ली नही कि ताबड़तोड़ दबिश चालू हो जाती है। यदि कभी किसी पत्रकार ने इस जहरीले धंधे पर खबर लिखने का अपराध कर दिया तो फिर कर्तव्यपरायण दीवान जी और दबंग दरोगा जी उस पत्रकार के घर मे ही घुस जाते है और कच्ची शराब खोजने का अभियान चालू कर देते हैं।
हमने भी सोचा कि जहां यह अंगूरी बनती है वहीं इसका वीडियो बनाया जाए सो पहुँच गए पुराना कुर्ता पायजामा पहने और अंगोछा लपेटे पियक्कड़ बनकर अड्डे पर। साला वीडियो बनाने के चक्कर मे पियक्कड़ की एक्टिंग करते हुए कच्ची शराब पीनी पड़ गयी। न पीते तो वहाँ बैठे धंधेबाजों को हम पर शक हो जाता और हमारी कायदे से ठुकाई हो जाती इसलिए सोचा कि जब ओखली में सर दे ही दिया है तो मूसल से क्या डरना।
देखें वीडियो-