मुकुल गोयल के DGP बनाए जाने से मनोहर लाल ज्वेलर्स क्यों खुश है? इसका पता लगाया जाना चाहिए। लाखों रुपए खर्च कर इस ज्वेलर ने मुकुल गोयल की चापलूसी में अख़बार में विज्ञापन क्यों दिया? आख़िर क्या लाभ मुकुल गोयल से लेना चाहता है मनोहर लाल ज्वेलर?
कोई ईमानदार क्राइम रिपोर्टर है जो इन एंगल पर काम कर सकने की हिम्मत रखता हो?
इस विज्ञापन की तरफ़ भड़ास का ध्यान पत्रकार चंदन राय ने दिलाया, इस ट्वीट के ज़रिए-
चंदन राय-
नेता, मंत्री का अभिनंदन तो आपने देखा होगा लेकिन प्रदेश में पहली बार किसी अधिकारी का दिखा ऐसा अभिनंदन!
DGP UP मुकुल गोयल के स्वागत में व्यापारी ने अखबार में दिया बड़ा बड़ा विज्ञापन!!
अब परंपरा शुरू हो ही गयी है तो वो दिन भी दूर नही जब चौराहों पर गुमटी, ठेले लगाने वाले भी चौकी इंचार्ज के स्वागत में अखबार में विज्ञापन नहीं तो लाल-हरी कागज वाली झालर, गुब्बारे और बैनर बैगरा तो लगवा ही देंगे।
यूपी के लोगों कान खोलकर सुन लो, अगर किसी ने मनोहर लाल जी का पैसा दाबकर रखा है तो आज एनसीआर के अखबारों में छपे विज्ञापन को वेलकम एड न समझें, चेतावनी समझें। जल्द से जल्द पैसा वापस कर दें। हर बात साफ-साफ लिखकर नही कही जाती..!!
इस प्रकरण पर वरिष्ठ खोजी पत्रकार दीपक शर्मा ने भी ट्वीट कर ips असोसिएशन का ध्यान आकृष्ट किया है-
Comments on “मुकुल गोयल के DGP बनने पर खुश हुआ मनोहर लाल ज्वेलर्स, दिया अख़बार में विज्ञापन”
ज्वेल मुकुल जी का पुराना दोस्त होगा या फिर बड़े पैमाने पर नंबर दो करता होगा? किसी अधिकारी की तैनाती से व्यापारी की खुशी में जरूर कोई अनोखा राज छिपा है। यह भी कह सकते हैं कि नई परम्परा की शुरुआत हुई है।
लॉकडाउन की मार झेल रहे अख़बार मंदी के दौर ऊबरने के लिए नया रास्ता खोज लिए है । अख़बार वाले चाहे इस पर कितनी मर्जी टिप्पणी करने लेकिन इस विज्ञापन से नई परम्परा का जन्म तो हो ही गया है ।अभी अखबार में विज्ञापन दिया गया है आगे चलकर टीवी में और सोशल मीडिया में जयजयकार की परम्परा सर चढ़कर बोलती नजर आएगी ।
इस पर तो यही टिप्पणी वाजब है
*सबको सन्मति दे भगवान*
हो सकता है कि ज्वेलर्स मुकुल गोयल का दोस्त या रिश्तेदार हो और उनके डीजीपी बनने से उसे खुशी हुई हो। मेरे इसमें इतनी हाय तौबा नहीं मचनी चाहिए, चलिए इसी बहाने अख़बार वालों का भला तो हुआ। आर्थिक मंदी के संकट से जूझ रहे समाचार पत्रों की यदि थोड़ी बहुत आमदनी होती है, तो उसमें किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।