Girish Malviya : प्रिय माही के नाम पर एक खुला पत्र… प्रिय माही उर्फ कैप्टन कूल… तुमसे एक अनुरोध है अब तुम जल्द से जल्द बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर लो… कल जो तुम्हारे तथाकथित पाप सामने आए हैं, उससे सिर्फ अब तुम्हें बड़े पापा ही बचा सकते है. वो फ़िल्म शोले में एक डायलॉग है न कि गब्बर के ताप से तुम्हे एक ही आदमी बचा सकता है और वो है खुद गब्बर. इसलिए छोड़ो ये सब कश्मीर में आर्मी ट्रेनिंग का चक्कर, अभी पहले शरणम गच्छामि होना ज्यादा जरूरी है.
कल आम्रपाली वाले मामले में तुम्हारी सारी पोल तो खुल ही गयी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ऑडिटर्स ने अपनी फोरेंसिक रिपोर्ट में देखा है कि आम्रपाली ने रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ संदिग्ध तरीके से समझौते किए जिनमें तुम्हारी अर्धांगिनी साक्षी के बड़े स्टेक हैं.
जस्टिस अरुण मिश्रा और यू यू ललित की सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने मंगलवार को पुन: पेश की गई फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि हमें लगता है कि घर खरीदारों का पैसा अवैध रूप से और गलत तरीके से रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के पास भेज दिया गया है और उनसे यह वसूला जाना चाहिए क्योंकि हमारी राय में उक्त समझौता कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है.
कल ऑडिटर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तुम्हारी अर्धांगिनी साक्षी को नकद में पैसा मिला और सभी खर्चे नकद में दिए गए. ये नकद में काम मत किया करो भाई. मोदी जी कितना मना करते हैं! अदालत से नियुक्त ऑडिटर बता रहे हैं कि करीब 70 करोड़ रुपये धोनी की कम्पनी को मिले हैं.
जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित ने अपने 270 पन्नों के ऑर्डर में कहा है कि घर खरीदारों का पैसा अवैध और गलत तरीके से रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड में डायवर्ट किया गया. यह पैसा धोनी की कंपनी से वापस लेना चाहिए.
अब हमें यह समझ नहीं आ रहा कि कुछ महीने पहले कैसे तुमने यह दावा किया था कि आम्रपाली कंपनी पर तुम्हारा ही ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के बदले 38.95 करोड़ रुपये बकाया है.
देखो, ये आम्रपाली का मालिक तो बड़ा आदमी है. नीतीश कुमार का खास है. नीतीश जी तो उसे अपनी पार्टी के टिकट पर 2009 में जहानाबाद की लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़वा चुके हैं. उसके बाद राज्यसभा का चुनाव लड़वा चुके हैं. मजदूरों के वेलफेयर में खर्च का पैसा भी दबा चुके हैं. यह आम्रपाली का मालिक हत्या के आरोप में जेल भी जा चुके हैं. वो तो बच ही जाएगा. तुम उसके कहा चक्कर मे पड़ रहे हो?
देखो अभी भी संभल जाओ. हमारे प्रधान सेवक मोदी जी इकोनॉमिक टाइम्स के ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन में बोल चुके हैं कि ‘व्यवस्था जनता के पैसे की लूट को स्वीकार नहीं करेगी.’ लगभग 42 हजार लोगों का पैसा आम्रपाली बिल्डर दबा चुका है. बैंको का लोन भी दबा चुका है. जनता का लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये आम्रपाली के पास है. बहुत बड़ा घोटाला है भाई. तुम कहा इस चक्कर मे आ रहे हो?
देखो हमे पता है कि तुम बीजेपी की नीतियों से बहुत प्रभावित हो और सालों से उनके संपर्क में हो. अब तो झारखंड में चुनाव भी आने वाले हैं. आर्मी मैन होने का, राष्ट्रवादी होने का तमगा तुम्हें मिल ही चुका है. बलिदान बैज पर गोदी मीडिया तुम्हारे पक्ष में माहौल बना ही चुका है. इसलिए यह सही समय है आल इंडिया पवित्र पार्टी में शामिल होने का. हमारी फिक्र मत करो. हम ऋषभ पंत से काम चला लेंगे. दिनेश कार्तिक भी है. तुम जल्द से जल्द रिटायर हो और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करो.
तुम्हारा एक शुभचिंतक
इंदौर के विश्लेषक गिरीश मालवीय की एफबी वॉल से.
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Sanjay Singh
July 25, 2019 at 7:42 pm
मालवीय तुम पंडित हो। इसलिये माही के खिलाफ प्रवचन कर रहे हो। तुम्हे राजपूतों से चिढ़ है। माही के खिलाफ कोई जजमेंट नहीं आया है कि तुम जैसे लोगों की बातों का जवाब दे। ब्राह्मणवादी हो और तुम जैसे लीग ही हिन्दू समाज को खंडित कर रहे हैं।
विशाल अग्रवाल
July 26, 2019 at 2:27 pm
गिरीश भाई नेक सलाह।।।।