Dilnawaz Pasha : मैंने अपने बारे में अपने साथ उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के बहजोई थानाक्षेत्र में हुई घटना से जुड़ी कई पोस्ट पढ़ी हैं. मैं वहां पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए एक निर्दोष व्यक्ति के बारे में जानकारी लेने के लिए निजी हैसियत से गया था.
मैंने अपना परिचय बीबीसी पत्रकार के तौर पर नहीं दिया था. थाने में ये पूछते ही कि संबंधित व्यक्ति को किस कारण या किस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने मेरे फ़ोन छीन लिए और मुझे वहीं बैठे रहने को मजबूर किया.
कई बार मांगने पर भी मेरे फ़ोन नहीं दिए गए और मेरे साथ बदसलूकी की. बाद में जब मेरे पहचान पत्र से मेरी पत्रकार के तौर पर पहचान पुलिस को पता चली तो सब माफ़ी मांगने लगे.
संभल के पुलिस अधीक्षक को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने मुझसे बात की और ज़ोर दिया कि मैं संबंधित पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराऊं. यूपी पुलिस और प्रशासन के कई शीर्ष अधिकारियों ने भी मुझसे संपर्क करके ज़ोर दिया कि मैं शिकायत दर्ज कराऊं. लेकिन मैंने इस संबंध में कोई कार्रवाई न करने का फ़ैसला लिया. आप सभी के संदेशों के लिए शुक्रिया.
बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा की फेसबुक वॉल से.
इसी प्रकरण पर आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने बीबीसी संवाददाता दिलनवाज पाशा से फोन पर बात की जिसका आडियो सुनें-
Amitabh Thakur : BBC के दिलनवाज़ पाशा से बातचीत. उनके अनुसार आज PS बहजोई, जिला संभल ने उन्हें दिन भर बिना किसी कारण के हिरासत में रखा, अकारण मारा पीटा, यातना दी. अत्यंत निंदनीय घटना. कृ FIR दर्ज कर कठोर कार्यवाही करें. UP Police, digmoradabad, ADG Zone Bareilly के ध्यानार्थ.
मूल खबर-