सौरभ सोमवंशी-
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के 5 साल और अखिलेश यादव के अंतिम 3 वर्षों में ताकतवर नौकरशाह रह चुके और अक्टूबर में योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव के पद पर विराजमान हुए नवनीत सहगल ने एक पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने लखनऊ से प्रकाशित मासिक पत्रिका दृष्टांत को उत्तर प्रदेश के सभी विभागों से सरकारी विज्ञापन ना देने का निर्देश दिया है। पत्र के कोने में सर्वोच्च प्राथमिकता लिखा है।
28 जनवरी को जारी किए गए पत्र में नवनीत सहगल के हवाले से लिखा गया है कि दृष्टांत पत्रिका के संपादक अनूप गुप्ता के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के खिलाफ बिना तथ्य के खबरें चलाई गई। वास्तव में सच्चाई यह है कि नवनीत सहगल के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा भी दृष्टांत ने फरवरी के अंक में किया है। शायद यही कारण है कि नवनीत सहगल अनूप गुप्ता के ऊपर व्यक्तिगत भड़ास निकालने के लिए इस तरह का कृत्य कर रहे हैं, और यह पत्र भी उसी का एक हिस्सा है।
अनूप गुप्ता ने एक संपादक की हैसियत से कुछ गलत किया है तो उनके ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए। उसके बाद ही इस तरह की प्रक्रियाएं अपनाई जानी चाहिए। परंतु ऐसा लगता है कि सिर्फ और सिर्फ दबाव बनाने के लिए पूर्व की समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों की तरह से पत्रकारों के दमन का यह कार्य किया जा रहा है।
क्या बोले ‘दृष्टांत’ के संपादक अनूप गुप्ता
क्या ईमानदार पत्रकार होना गुनाह है? क्या मिशनरी पत्रकार होना गुनाह है? अगर नहीं तो सत्ता प्रतिष्ठान तिल तिल करके दमन क्यों करते हैं? क्या एक ईमानदार पत्रकार समाज और व्यवस्था के लिए उपयोगी नहीं है? मैं एक लोकतांत्रिक व्यवस्था को मानने वाला पत्रकार हूँ। मैं दस्तावेजों के आधार पर खुलासा करता हूँ। अगर किसी को भी मेरे खुलासे पर एतराज है तो वो मेरे ऊपर मुकदमा कर सकता है लेकिन अपनी सत्ता की ताकत दिखाकर मेरा दमन नहीं कर सकता है। पूर्व में भी मेरा दमन किया जा चुका है। मेरे बच्चों को फुटपाथ पर लाया जा चुका है। एक बार फिर नवनीत सहगल के द्वारा मेरे बच्चों को फुटपाथ पर लाने के तैयारी की जा रही है। मेरी मैगज़ीन को पूरे प्रदेश में सरकारी विज्ञापन ना मिल पाए, इसके लिए नवनीत सहगल के द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। मुझे नवनीत सहगल की चुनौती स्वीकार है। मैं डंके की चोट पर दस्तावेजों के आधार पर भ्रष्टाचार में लिप्त नेता, मंत्री और अफसरों के खुलासे करता रहूंगा।
Saurabh Somvansi
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