ईडी ने मंगलवार को लखनऊ की एक कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में तीन और लोगों को हिरासत में लिया. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि आसिफ नसीम, अमिताभ कुमार श्रीवास्तव और मीरा श्रीवास्तव को शाइन सिटी धोखाधड़ी मामले की जांच के सिलसिले में अरेस्ट किया था. कंपनी पर निवेशकों को करीब 800 से 1000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है.
ईडी ने अपने एक बयान में कहा कि तीनों को लखनऊ में विशेष धन शोधन अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष पेश किया गया. जिसने उन्हें 16 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. एजेंसी ने इससे पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया था.
मनी लॉन्ड्रिंग मामला ईडी द्वारा रशीद नसीम और शाइन सिटी समूह की कंपनियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की लगभग 250 प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया गया था. प्राथमिकी में आरोप था कि उन्होंने निवेश के नाम पर जनता से लगभग 800-1000 करोड़ रु एकत्र किए और उन्हें भारी मुनाफे का वादा कर धोखा दे दिया.
जब्त हुई 128 करोड़ की संपत्ति
एजेंसी का आरोप है कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्ति मुख्य आरोपी और शाइन सिटी ग्रुप की कंपनियों के निदेशक हैं. इन्होंने निवेशकों को लालच देकर पैसा जमा कराया और बाद में धोखा दे दिया. ईडी की तरफ से दावा किया गया है कि अपराध की इनकम तीनों के द्वारा नियंत्रित अन्य विभिन्न कंपनियों और उनके करीबियों को ट्रांसफर की गई थी.
ईडी ने कहा कि, “आसिफ नसीम शाइन सिटी समूह की 20 कंपनियों का निदेशक है, जिसे अपराध की आय प्राप्त हुई और इस पैसे का इस्तेमाल जमीन खरीदने में किया गया. जांच एजेंसी ने कहा, अमिताभ श्रीवास्तव और मीरा श्रीवास्तव ने किंग्स्टन बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के एकाउंट में 22 करोड़ रुपये एकत्र किए और इनकम का इस्तेमाल जमीन तथा अन्य निजी संपत्ति खरीदने के लिए किया. एजेंसी ने इस मामले में अब तक 128 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त की है.”