बृहस्पति कुमार पांडेय-
फोटो में मेरे साथ पत्रकारिता जगत की एक ऐसी हस्ती है जिसके बारे में लिखूं तो शब्द कम पड़….. जाएं. नाम है मनीष मिश्रा.
पटना में एक पत्रकार का भिखारी बन कर नेटवर्क को उजागर करने की खबर सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी. उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर भिखारियों के बड़े सरगना का पर्दाफाश किया था.
मनीष मिश्र नाम के यह पत्रकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से ताल्लुकात रखते हैं. अगर पत्रकारिता के असल मायने को समझना है तो इसके लिए मेरी नजर में मनीष मिश्र जी उन चुनिन्दा पत्रकारों में शामिल है जिन्होंने पत्रकारिता में एक लकीर खींचीं है जो शायद आज के पत्रकारिता के लिए एक आइना है.
बेहद निडर, बिना जान की परवाह किये बड़े बड़े मामलों का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार मनीष मिश्र जी जिस शिद्दत और ईमानदारी से पत्रकारिता करते हैं वह आज पत्रकारिता की ढोल पीटने वाले बड़े तमगे वाले पत्रकारों को भी सिखाने की कूवत रखते हैं.
वह वर्तमान में बिहार दैनिक भास्कर मुख्यालय में डिजिटल टीम में अहम ओहदे पर हैं. उनसे बिहार रिपोर्टिंग के दौरान मुलाक़ात हुई तो बातों और अनुभव शेयरिंग के दौरान उन्होंने अपने जोखिम भरी पत्रकारिता के वह किस्से सुनाएँ जो बड़े जीवट पत्रकारों के भी रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है.
उन्होंने ‘आईनेक्स्ट’ में रहते हुए देश भर में चर्चित आनंद कुमार के ‘सुपर30’ के नाम पर हो रहे भारी गोलमाल का पर्दाफाश किया था. इसके अलावा वह भिखारी के वेश में चार दिन पटना की सड़कों की खाक छानते हुए भिखारियों के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया था. आज भी वह बिना डरे बड़े बड़े घटनाओं के पर्दाफाश करने में पूरी तन्मयता से लगे हुए है. जो लोग वास्तविक और सरोकारों वाली पत्रकारिता करना चाहते हैं वह एक बार मनीष मिश्र जी की पत्रकारिता से जरुर सीख लें.
मुझे ख़ुशी है की वह बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर के मूल निवासी है. बस्ती के कई पत्रकार आज देश में अहम् ओहदों पर हैं और अच्छी खासी पहचान रखते हैं. जिला और मंडल किसी भी मामले में अगर सम्मान पाता है तो मुझे ख़ुशी मिलती है.