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उत्तर प्रदेश

एनआरआई से धोखाधड़ी मामले में यूपीको एमडी पर एफआईआर दर्ज

उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड (यूपीको), कानपुर के कुछ अफसरों द्वारा अभिलेखों में हेराफेरी कर ब्राजील में रह रहे एक रिटायर्ड भारतीय गौरी शंकर प्रकाश के 30289 यूएस डॉलर (18.25 लाख रुपये) हड़पे जाने के सम्बन्ध में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा दिए प्रार्थनापत्र पर थाना काकादेव में एफआईआर संख्या 262/2014 आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत दर्ज की गयी है। मामले में विक्रम हंस, पूर्व सीएमडी और प्रवीण सिंह, मौजूदा एमडी को आरोपी बनाया गया है।

<p>उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड (यूपीको), कानपुर के कुछ अफसरों द्वारा अभिलेखों में हेराफेरी कर ब्राजील में रह रहे एक रिटायर्ड भारतीय गौरी शंकर प्रकाश के 30289 यूएस डॉलर (18.25 लाख रुपये) हड़पे जाने के सम्बन्ध में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा दिए प्रार्थनापत्र पर थाना काकादेव में एफआईआर संख्या 262/2014 आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत दर्ज की गयी है। मामले में विक्रम हंस, पूर्व सीएमडी और प्रवीण सिंह, मौजूदा एमडी को आरोपी बनाया गया है।</p>

उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड (यूपीको), कानपुर के कुछ अफसरों द्वारा अभिलेखों में हेराफेरी कर ब्राजील में रह रहे एक रिटायर्ड भारतीय गौरी शंकर प्रकाश के 30289 यूएस डॉलर (18.25 लाख रुपये) हड़पे जाने के सम्बन्ध में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा दिए प्रार्थनापत्र पर थाना काकादेव में एफआईआर संख्या 262/2014 आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत दर्ज की गयी है। मामले में विक्रम हंस, पूर्व सीएमडी और प्रवीण सिंह, मौजूदा एमडी को आरोपी बनाया गया है।

प्रार्थनापत्र में गौरी शंकर द्वारा ब्राजील निवासी मार्को अंतोनियो टोर्रेस कार्वाल्हो के साथ मिल कर दिसंबर 2008 से अप्रैल 2009 के बीच यूपीको द्वारा ब्राजील में कराये गए कार्यक्रम में शोरूम, वेयरहाउस आदि पर एके भटनागर, सीएमडी यूपीको के आदेश पर किये गए खर्च के बिल का भुगतान नहीं करने और इसके लिए अभिलेखों और बहीखाते में कूटरचना करने के आरोप लगाए गए थे।

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अमिताभ ठाकुर ने 20 जून को यह प्रार्थनापत्र दिया था और एसएसपी कानपुर नगर के. इमैनुअल और थाना प्रभारी काकादेव से बात की थी जिन्होंने तत्काल एफआइआर का आश्वासन दिया था। लेकिन एफआईआर दर्ज करने की जगह मामले को जांच में एसपी क्राइम को भेज दिया गया और उनकी संस्तुति के बाद ही यह एफआईआर दर्ज हो सकी है। श्री ठाकुर ने इतने विलम्ब से एफआईआर दर्ज किये जाने को विधिविरुद्ध बताते हुए इस सम्बन्ध में डीजीपी यूपी को पत्र लिख कर विलम्ब से एफआईआर लिखने के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

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