Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

गधे की लीद से मसाला बनाता है ये भक्त!

संजय कुमार सिंह-

“हिन्दू युवा वाहिनी” का मंडल सह प्रभारी गधे की लीद से मसाला बनाता है!

Advertisement. Scroll to continue reading.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में नकली मसाला बनाने वाली एक फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। यहां गधे की लीद में भूसा और एसिड मिलाकर मसाला बनाया जाता था।

कहने की जरूरत नहीं है कि मसाला के नाम पर पवित्र गोबर बेचना भी गलत है। यहां तो गधे की लीद, भूसा और एसिड से मसाला बनाया जा रहा था। ‘आत्म निर्भर’ उद्यमी के बारे में खबर है कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 2002 में स्थापित, “हिन्दू युवा वाहिनी” का सदस्य है। इनका शुभ नाम है – अनूप वार्षणेय और आप मंडल सह प्रभारी हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

(टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर से)

हाथरस और वहां के गधों के बारे में Chanchal Bhu की पोस्ट से …..

हाथरस एक जिला है। 1997 में बना, अलीगढ़, मथुरा वगैरह से काट-पीट कर एक और जिला बना। इस जिले की एक खूबी है यहां गधे ज्यादा मिलते हैं। इन गधों का उपयोग पहले धोबी करते थे, घर से घाट तक। अब मेहनत करने वाले मजूरों ने भी गधा पाल लिया है। ईंट, मिट्टी जैसे अन्य सामान ढोने के लिए। जाहिर है कि शहर में गधे लीद करेंगे ही।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसे अंग्रेजी में डंकी डंग कहते हैं। तुर्रा यह कि गधे की लीद म्युनिसिपल कार्पोरेशन ,जिला प्रशासन के लिए कभी समस्या नही बना। एक पढा-लिखा अधिकारी अचानक इस लीद को लेकर चिंतित हुआ – कमबख्त यह लीद जाती कहाँ है? उसने इसकी गुप्त तहकीकात की तो एक दिलचस्प किस्सा उजागर हुआ। लीद (गोबर से भिन्न होता है) इसे सूखा कर क्रश कर दीजिए तो यह भूसे के छोटे-छोटे तिनको की तरह हो जाता है। (रंग दीजिए तो केशर बन जाएगा)। लीद देने वाले तीन जानवर हैं – हाथी, घोड़ा और गधा। और यह बहुत फायदे का धंधा है।

हर शहर में राजपूत गुण की एक प्रजाति मिलती है (जिसकी सरकार उसी का पूत, इसे राजपूत गुण कहते है।) हाथरस में भी एक राजपूत मिला – अनूप वार्ष्णेय। इसने जो गुण धारण किये वह – सीधे मुख्यमंत्री योगी जी के दल ‘हिन्दू वाहिनी’ से जा मिला और यह वार्ष्णेय हिन्दू वाहिनी का सह प्रभारी है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जीवकोपार्जन के लिए इसने गधे का लीद पकड़ लिया और किया कुछ नहीं बस थोड़ा सा एसिड, कुछ रंग और कुछ अन्य चीजें मिला कर मसाला बना डाला। पिसी धनिया, पिसी लाल मिर्च, वगैरह बनाने और बेचने लगा। केवल नाम बदल दिया। लीद की जगह मसाला हो गया। बस अब तक जो गाय का गोबर खाने खिलाने की बात कर रहे थे, भाजपाई थे, संघी थे, वगैरह वगैरह। ये बंदा सबका बाप निकला। गधे का गोबर सालों साल से खिला रहा है।

मजेदार वाकया तो आगे है। प्रशासन को जब यह मालूम हुआ कि यह तो सरकारी पूत है तो इसे शांति भंग की आशंका में जेल भेज दिया, लेकिन जब खबर बाहर ही निकल आयी तो अब जिला सरकार कह रही है रिपोर्ट आने दीजिये ।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement