समर अनार्या-
बीते 75 साल में किसी देश की हिम्मत नहीं हुई थी कि भारत से माफ़ी मँगवाने की बात सोच भी सके!
आज़ादी के अमृत महोत्सव वाले साल में भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता के पैग़म्बर के अपमान वाले बयान के चलते न केवल यह हुआ है बल्कि भारतीय विदेश मंत्रालय की सफ़ाई के बावजूद कुवैत भारत सरकार से माफ़ी मँगवाने पर अड़ा हुआ है।
उधर भारत के उपराष्ट्पति के आधिकारिक दौरे के बीच क़तर ने हमारे राजदूत को तलब कर के फटकारा है, राजदूत मिमियाते हुए सत्ताधारी दल की राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली सरग़ना को फ़्रिंज एलेमेंट बता रहे। उस पर भी क़तर नहीं माना, उप राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित भोज निरस्त कर के जबर बेइज़्ज़ती की है।
ईरान अलग फ़ायर है।
ओमान के ग्रैंड मुफ़्ती ने प्रधानमंत्री का नाम लेकर भारत को फटकारा है। भारतीय कंपनियों के सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया है- जिसके बाद अरब भर से तमाम दुकानों से भारतीय सामान हटा लिए गए हैं- हलाल सर्टिफ़िकेट लेकर अपना सामान बेचने वाले सेठ रामदेव तक को तगड़ा नुक़सान हुआ है।
भारतीय उत्पाद कूड़ेदान में फेंके जा रहे हैं- कूड़े के डिब्बों के बाहर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगा उन पर गाली लिखी जा रही है!
अभी संयुक्त अरब अमीरात सरकार कुछ नहीं बोली है पर वहाँ भारत का दूतावास पहले ही डर के मारे नूपुर शर्मा को निलंबित करने वाली ख़बर रिट्वीट कर रहा है!
असर यह हुआ है कि आँच खुद बकटोडी के आँचल तक पहुँची तो जिस भाजपा में इस्तीफ़े नहीं होने के जिनके दागे जाते थे उसमें नूपुर शर्मा बेइज़्ज़त कर निलंबित कर दी गयीं, नवीन जिंदल तो भगा ही दिया गया है।
कल तक तीन दिन में सेना तैयार करने के दावे वाला संघ सरग़ना बता रहा कि हम विश्व विजेता नहीं बनना चाहते। जोड़ रहा है कि हर मस्जिद में शिवलिंग ढूँढना ग़लत है। संघ इसका विरोध करता है।
कुल मिला के- प्रधानमंत्री का एक बयान याद आ रहा- कोरिया में बक के आया था- कि उसके पहले भारतीय भारत में पैदा होने पर शर्मिंदा रहते थे। वह झूठ था। उसने सच बना दिया है इसे!
घंटा बज रहा है ना?
बाक़ी भारत सरकार को घटिया भाजपांडुओं के बयान पर माफ़ी नहीं माँगनी चाहिए, पर इनका क्या भरोसा!