लखनऊ से बड़े शोर शराबे के बाद “दस्तक” देने के लिए तैयार हो रहे एक न्यूज चैनल में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। बन्द डिब्बा सीरीज में एक नया नाम “ग्लोबल भारत” भी जुड़ने वाला है, जल्द ही ये ख़बर भी आप सब को मिल जाएगी।
दरअसल भड़ास4मीडिया में प्रकाशित एक ख़बर में ये जिक्र था कि ग्लोबल भारत नाम का एक नेशनल न्यूज़ चैनल दस्तक देने को तैयार है। इसे लाने वाले ज़ी न्यूज़ से आये संदीप शर्मा हैं। हिमाचल से चलने वाले चैनल “खबरें अभी तक” में यूपी का कार्यभार संभाल रहे अभिषेक शांडिल्य इसके प्रमुख पद पर हैं। संदीप शर्मा को एडिटर इन चीफ व अभिषेक शांडिल्य को यूपी हेड की जिम्मेदारी मिली है।
स्टाफ़ हायरिंग के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि एंट्री उसी को मिले जिसकी मुख्यालय में पकड़ मजबूत थी, जिससे ब्रांडिंग में आसानी हो।
चैनल के मालिक दक्षिण भारत से हैं जो विदेश में रहते है और हीरे के मूल व्यापारी है। वो बात अलग है कि अभी तक मालिक का नाम कोई नहीं जानता, न ही प्रमोटर कंपनी का नाम जानता है।
इस विषय में हर किसी से एक अलग कहानी के साथ जानकारी मिलती है। अभी एक इसका आफिस भी तय नहीं हो पाया, न ही वेबसाइट बन पाई है। अभी तक यूपी, एमपी, बिहार मिलाकर तीन राज्यों में ब्यूरो व जिला मुख्यालय में संवाददाता नियुक्त कर दिए गए हैं। जिले में संवाददाता नियुक्ति का मापदंड ये रखा गया है कि प्रत्येक को तीस हजार रुपये देना होगा। इसके बदले में माइक आईडी व माइक दिया जाएगा। इसमे लोगो आईडी दे दी गई है। बताया जा रहा है कि माइक अभी नहीं आ पाए हैं।
शुरुआत के दो महीने जनवरी फरवरी तक तो कुछ ठीक ठाक रहा। उसके बाद आवाजाही शुरू हो गई। खबरें अभी तक से आये आकाश यादव पुनः खबरें अभी तक में पहुँच चुके हैं। सुनने में आया है कि कई लोग काम छोड़ चुके हैं। जो बचे हैं उनमें किसी की सैलरी नहीं आ रही है। हद तो तब हो गई जब एक महिला रिपोर्टर को 2 महीने पहले ही निकाल दिया गया और अभी तक सेलरी नहीं दी गई। अंततः उसे लखनऊ छोड़कर अपने घर वापस जाना पड़ा। सवालों के घेरे में चैनल के प्रमुख दोनों जिम्मेदार संदीप शर्मा व अभिषेक शांडिल्य किसी का फ़ोन नही उठा रहे हैं। कभी कभार फ़ोन उठ भी गया तो हर बार एक नया कहानी मिल जाती है।
कुछ सवाल जो तथाकथित/काल्पनिक मालिक के लिए:
-इतने बड़े नेशनल न्यूज़ चैनल के मालिक का नाम व प्रोफाइल क्यों छुपा कर रखी गई?
-अभी तक चैनल का हेड आफिस व शहर किसी को क्यों पता नहीं है?
-इतनी नियुक्तियां किसने कर दी जब अभी तक न HR का पता है ना आफिस का?
-ऑन एयर होने वाला चैनल सिर्फ फेसबुक और यूट्यूब तक ही सीमित रह गया?
-जब कोई मालिक ही नहीं था तो मीडिया के 2 लोगों द्वारा इतने मीडियाकर्मियों का करियर दांव में क्यों लगाया गया? आखिर मंशा क्या थी? क्या यह जिला संवाददाताओं से रुपया लेकर आईडी देने का गोरखधंधा था?
चैनल में कार्यरत रहे एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.