रवीश कुमार-
माननीय जनता,
शनिवार के दिन आपको चीता का विशेषज्ञ बनना है। गोदी मीडिया आपको चीता के सभी गुणों के बारे में बताएगा। आपके जो मुद्दे हैं वो चीता के आगे डाल दें। चीता खा लेगा। अफ़सोस हम कुछ लोग यह तमाशा ही देखते रह जाएँगें। हालात नहीं बदल सकते।
शनिवार के दिन गोदी मीडिया और अर्ध गोदी मीडिया चीता की हर खूबी बताएगा। भारत के न्यूज़ चैनलों पर चीता का इतना कवरेज होगा कि रविवार सुबह तक पूरा देश चीता विशेषज्ञ हो चुका होगा।
हर कुछ दिन के बाद प्रधानमंत्री के आस-पास ऐसा इवेंट रचा जाता है जिससे देश के नाम वही सब कुछ करते नज़र आते हैं। पर्यावरण मंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक कोई नज़र नहीं आता। यह तस्वीर 2010 की है। जयराम रमेश दक्षिण अफ़्रीका गए थे।
आपकी बुनियादी समस्याओं को कवर करने के लिए बजट नहीं होगा, रिपोर्टर नहीं होंगे मगर चीता के लिए एक नहीं दर्जनों चैनल होंगे।
अमित चतुर्वेदी-
जो चीता कल मध्यप्रदेश के कूनो नैशनल पार्क में आने वाले हैं, उन्हें भारत में लाने और वहाँ बसाने का सपना जयराम रमेश ने 2010 में देखा था, और न केवल सपना देखा था बल्कि वो उन्हें भारत लाने के लिए ईरान, नामीबिया, तंज़ानिया और साउथ अफ़्रीका से लगातार सम्पर्क कर रहे थे।
लेकिन 2012 में उनके इस प्लान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी क्यूँकि कुछ लोगों ने याचिका लगाई थी कि चीते बसाने से वहाँ का परिस्थितिक तंत्र बिगड़ जाएगा।
चीता, जो भारत से पिछले 70 साल पहले विलुप्त हो चुका है, उसका नाम संस्कृत के शब्द चित्रकम यानि चितकबरा (spotted) से ही दिया गया था, और भारत के शिकार प्रेमियों ने उसे मार मार कर विलुप्त कर दिया। हालाँकि आख़िरी बार उसके 1964 में छतीसगढ़ में देखे जाने का दावा भी किया गया लेकिन उसके बाद से किसी ने चीता देखने का दावा भी नहीं किया।
तो जो चीते कल भारत में अपना घर बसाने लाए जा रहे उनको निमंत्रण देने का काम, उनके घरवालों से उन्हें विदा करने की गुज़ारिश और उनके लिए यहाँ घर बनाने का काम उन्होंने ही किया था जिनके बारे में आप कहते हो कि उन्होंने 70 सालों में कुछ नहीं किया!
जहाज़ से आ रहे चीते का रियल पिक्चर यहीं देख लें-
Satyendra
September 16, 2022 at 7:13 pm
मोदी की सिर्फ और सिर्फ नेगेटिव रिपोर्टिंग करके आप सिर्फ यही साबित कर रहे है कि आप व्यक्तिगत कुंठाओ से घिरे हुए है अन्यथा इस पृथ्वी पर ऐसा कोई मनुष्य नही जो सिर्फ बुरा हो या सिर्फ बुरा काम ही करता हो । और न ही कोई ऐसा मनुष्य है जो सिर्फ अच्छे काम ही करता हो । लेकिन आपने सिर्फ आज तक मोदी की निगेटिव रिपोर्टिंग ही रखी है चाहे जिस बहाने रखी हो । क्या इस मोदी में एक हुई अच्छाई नही है…सोचिएगा जरूर शायद आप अपनी व्यक्तिगत कुंठाओ से बाहर आ सके !