यशवंत-
कई लोगों ने फोन कर बताया कि फलां चैनल में कार्यरत गेस्ट कोआर्डिनेटर को हटा दिया गया है. पैसे लेकर गेस्ट बुलाने का आरोप लगा है. यह सुनते ही मेरे मुंह से फूटा- क्यों न कमाए भाई. गेस्ट कोआर्डिनेटर को अगर मौका मिला है तो क्यों न कमाएगा. जब चैनल मालिक और उसके एंकर पत्रकारिता को ताक पर रखकर मोदी भक्ति में दबा कर कमा रहे हैं तो गेस्ट कोआर्डिनेटर क्यों न कमाए…. चैनल मालिक को बस कष्ट ये रहा होगा कि गेस्ट कोआर्डिनेटर उन्हें कमाई में से हिस्सा क्यों नहीं दे रहा है…
आज के दौर में जब पैसा ही माई बाप है… पैसे से ही राजनीति, प्रशासन और पत्रकारिता, सब कुछ का भाग्य तय किया जा रहा है तो फिर गेस्ट कोआर्डिनेटर को शरीफ बनाने पर क्यों तुले हो भाई… वो तो बेचारा वैसे ही गेस्ट कोआर्डिनेटर है… कोई पत्रकार तो है नहीं कि पैसे लेने न लेने का कोई नैतिक नियम उस पर लागू होता है… गेस्ट कोआर्डिनेटर का काम गेस्ट बुलाना है… वो गेस्ट बुलाता है… ये उसकी प्रतिभा है कि वह गेस्ट से पैसे वसूल लेता है या नहीं…
कई गेस्ट कोआर्डिनेटर तो आपस में सिंडीकेट बनाकर एमपी एमएलए का टिकट दिलवाने तक का काम करते हैं और पैसे लेते हैं… ट्रांसफर पोस्टिंग भी ये कराते हैं… गेस्ट कोआर्डिनेशन का काम वीवीआईपी काम हो चुका है… पहले ये काम पत्रकार बनने की तुलना में थोड़ा कमतर माना जाता था… दंदफंदी और लायजनर टाइप आदमी को गेस्ट कोआर्डिनेटर बना दिया जाता था… जो सबका चरण चुंबन कर सके, जो सबसे निजी घरेलू रिश्ता कायम कर सके, वह गेस्ट कोआर्डिनेटर लायक माना जाता रहा है… तो ऐसे लोग अगर अपनी प्रतिभा से पैसे अर्जित कर रहे हैं तो चैनल के मालिक को क्या कष्ट है भाई….
आगे से गेस्ट कोआर्डिनेटर्स से अपील है कि वे अपनी उपरी कमाई में से कुछ हिस्सा चैनल को देकर अपने ब्लैक मनी को ह्वाइट कर लिया करें…. इससे किसी को कष्ट नहीं होगा…