कांग्रेस के मुख्य और मुखर प्रवक्ता राजीव त्यागी की मौत के बाद बहुत सारे लोग इसे नार्मल डेथ की बजाय हत्या मान रहे हैं. आजतक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में तीखी बहस के दौरान राजीव त्यागी को हार्ट अटैक होने लगा था. वे इसे थामने, नार्मल करने की कोशिश करते रहे लेकिन बाद में वे बेहोश हो गए और यशोदा अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी समेत तीन लोगों ने एक लिखित तहरीर हजरतगंज कोतवाली में दी है जिसमें राजीव त्यागी की मौत को हत्या बताते हुए इसके लिए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा, आजतक के मालिक अरुण पुरी और आजतक के एंकर रोहित सरदाना को जिम्मेदार बताया गया है.
पढ़ें पूरी कंप्लेन-
फेसबुक के चर्चित लेखक गिरीश मालवीय लिखते हैं-
तय समय पर आजतक चैनल डिबेट शुरू हुई, घर पर से ही ऑनलाइन चल रही बहस में भाग ले रहे राजीव त्यागी शुरू से ही थोड़ी दिक्कत महसूस कर रहे थे…..माथे पर टीका लगाए राजीव त्यागी सामने टेबल पर रखा पानी का भरा गिलास में पानी बार बार पी रहे थे। और जैसे कि परम्परा है चीखने चिल्लाने का दौर जल्द ही शुरू हो गया.
सम्बित पात्रा हमेशा की ही तरह चिल्ला चिल्ला कर एंकर के सामने अपनी भड़ास निकाल रहे थे, वे कह रहे थे.
‘हमारे घर के जयचंदों ने हमारे घर को लूटा है। अरे नाम लेने में शर्मं कर रहे हैं। वो घर जला रहे हैं और यहां जयचंद नाम तक नहीं ले पा रहे हैं। अरे, टीका लगाने से कोई सच्चा हिंदू नहीं बन जाता है। टीका लगाना है तो दिल में लगा और कहो कि किसने घर जलाया है।”
त्यागी बीच बीच में कह रहे थे कि ‘मैं जवाब देना चाहता हूं।’ …..अचानक बीच डिबेट में ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वे अचेत हो गए। पत्नी बच्चे भागे भागे कमरे में आए। उन्हें बचाने की पूरी कोशिश हुई लेकिन वह नहीं बचे.
हमारे देखते देखते एक प्रखर वक्ता, सुदर्शन व्यक्तित्व टीवी डिबेट में बढ़ती शाब्दिक हिंसा का शिकार हो गया.
जो होना था हो चुका, राजीव त्यागी अब वापस नही आएंगे लेकिन अब न्यूज़ चैनलों को ऐसी बहस संचालित करने से तौबा कर लेनी चाहिए हमारा भी अब फर्ज बनता है कि ऐसी खूनी बहस संचालित करने वाले न्यूज़ एंकरों का हम अब सार्वजनिक बहिष्कार करे , बीजेपी को तो शायद शर्म नही आएगी लेकिन अन्य सभी विपक्षी दल अपने प्रवक्ताओं को ऐसी डिबेट में भेजना बन्द करे.
जो चैनल अब ऐसी बहस का टेलीकास्ट करे हम उसे अन सब्सक्राइब करे, ट्विटर पर, सोशल मीडिया पर उस चैनल की एंकर की कड़ी मजम्मत करे…… तभी यह सिलसिला रुकगा, वैसे भी ऐसी बहस से समाज मे सिर्फ विद्वेष ही फैलता है. अब यह सब तुरंत बंद करना ही होगा.
मूल खबर-
Jaideep Vaishnav
August 14, 2020 at 11:17 am
ऐसे कमेंट्स तो TV डिबेट्स में आम बात है… ऐसे कमेंट्स का कमेंट्स द्वारा ही जवाब दिया जाता है ,और राजीव त्यागी जी कई सालों से बखूबी इसे कर भी रहे थे। ऐसे ही और इस से भी बदतर कमेंट्स भाजपा या अन्य पार्टी के प्रवक्ता भी झेलते हैं जब हॉट डिस्कशन हो रहा होता है ।
इस पर FIR कराना और एंकर पर आरोप लगाना सिर्फ प्रोपेगेंडा है ।
G.P. Pandey
August 16, 2020 at 7:34 am
सहमत
जी पी पांडेय
August 16, 2020 at 7:43 am
साजिशन शब्द का मतलब पता भी है अंशू और आलोक जी को क्या जो ये लिख मारे हैं ? सस्ती लोकप्रियता पाने की अच्छी कोशिश है ये !