यशवंत सिंह-
लखनऊ के दल्ले पत्रकार नेताओं और उगाहीबाज मीडिया संगठनों का कोई बयान बलिया पत्रकार जेल कांड पर आया हो तो कोई मुझे बताए।
उसे भड़ास पर जगह दिया जाएगा।
वो तिवारी और वो राव को कोई समझाए कि सत्ताधीशों के चरण चापन से फ़ुरसत मिल जाए तो बलिया पत्रकार आंदोलन पर भी दो चार शब्द लिख बोल पढ़ दें!
ये मुझे इंडिया टुडे के पूर्व कर्मी आलोक पाठक ने भेजा अभी अभी-
“यशवंत भाई संजय शर्मा, युवा पत्रकार रणविजय सिंह, मनीष पांडे समेत कुछ अन्य पत्रकारों को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी ने सत्ता के डर से बलिया के पत्रकारों के पक्ष में कुछ नहीं बोला है। एक परवेज अहमद है जिन्होंने योगी से याचना के अंदाज में बलिया के पत्रकारों की रिहाई के लिए योगी जी को टैग करके ट्वीट किया।”
इस बीच लखनऊ के एक पत्रकार ने कल अकेले ही धरना देने की घोषणा कर दी है, पढ़ें-
राजीव तिवारी बाबा-
बलिया में पत्रकारों के उत्पीड़न पर बलिया समेत पूर्वांचल के कई जनपदों में पत्रकार आंदोलित हैं। मगर राजधानी के वरिष्ठ पत्रकारों और पत्रकार संगठनों की चुप्पी समझ नहीं आ रही।
इस मुद्दे पर लखनऊ में कहीं कोई सुगबुगाहट न होते पाकर राजधानी के पत्रकारों के इस रवैये से व्यथित होकर ज़िला प्रशासन बलिया की तानाशाही के विरोध में और गिरफ्तार निर्दोष पत्रकार साथियों के समर्थन में कल जीपीओ पर गांधी प्रतिमा के सामने एक दिवसीय सांकेतिक धरने पर रहूँगा।
जिन भी पत्रकार साथियों और संगठनों लगता है कि उन्हें इस मुद्दे पर बलिया के जुझारू पत्रकार साथियों का साथ देना चाहिए वे जीपीओ गांधी प्रतिमा पर समय निकाल कर आकर समर्थन कर सकते हैं।
देखें ये वीडियो-
बाग़ी बलिया ने ली अंगड़ाई, अब न बचेंगे डीएम-एसपी
https://youtu.be/xxM4jYifWrs