आजमगढ़। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर शहर के नेहरू हाल में आजमगढ़ पत्रकार परिसंघ द्वारा ‘पत्रकारिता के बदलते आयाम और चुनौतियाँ’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान, काशी विद्यापीठ वाराणसी के निदेशक प्रो.ओेम प्रकाश सिंह ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता को वेब ने वैश्विक बना दिया है। लेकिन प्रिंट मीडिया से चुनौती भी मिल कर रही है। हिन्दी पत्रकारिता ने बहुत लंबी यात्रा तय कर ली है। आज के दिन हमें आत्ममंथन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के समाज में ईमानदारी, नैतिकता और आदर्श की गिरावट आयी है। जिससे पत्रकारिता भी अछूती नहीं है, ऐसे में आज समस्त समाज को चिंतन करने की जरूरत है।
भड़ास 4 मिडिया के संपादक यशवंत सिंह ने कहा कि भारत में साक्षरता दर बढ़ रही है, जिसके कारण समाचार पत्रों की संख्या में इजाफा तो रहा है। लेकिन आने वाला समय डिजिटल का है, और धीरे-धीरे समाचार पत्र प्रिंट की जगह डिजिटल हो जाएगा। प्रिंट से डिजिटल तक के बदलाव के दौर में पत्रकारों को अपने को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की साख में गिरावट आ रही है। इस पर भी विचार करने की जरूरत है। अध्यक्षीय संबोधन में उ.प्र राज्य उपभोक्ता आयोग लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभाल श्रीवास्तव ‘सुकुमार’ ने ‘उदन्त मार्तन्ड’ की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता ने 191 वर्ष की यात्रा में बहुत कुछ पाया है।
विषय प्रवर्तन करते हुए पत्रकार सतीश रघुवंशी ने कहा कि पत्रकार के समक्ष आज के दौर में तमाम नई नई चुनौतियाँ उपजी हैं। उनका सामना वह अपने नैतिक मूल्यों के द्वारा कर सकता है। परिवर्तन के इस दौर में ग्रामीण स्तर से यूनिट स्तर तक के पत्रकार आज अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। पत्रकार अशुतोष द्विवेदी ने कहा कि संचार क्रांति ने मीडिया की कार्यप्रणाली को बदलकर रख दिया है। नई पीढ़ी के पत्रकारों को तकनीक से लैस होकर काम करना पड़ रहा है। यह तकनीक खबरों को तेजी से आम आदमी तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभा रही है।
सपा जिलाअध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि आज पत्रकारिता समाज को संगठित करने का काम कर रही है। समाचार पत्रों की आज भी विश्वसनीयता बहुत बड़ी है। जिसे बनाए रखना पत्रकारों के लिए चुनौती है। इसी क्रम में प्रयास संस्था के अतुल, प्रवीण सिंह, डॉ अमित सिंह, राजेन्द्र पाठक, डॉ.दिग्विजय राठौर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर रामसिंह गुडूडू, महेन्द्र सिंह, संगीता तिवारी, आशुतोष द्विवेद्वी, रामअवध यादव एवं शीला श्रीवास्तव ने अतिथियों की स्मृति चिन्ह् और अंगवस्त्रम् प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक, संपादक अरविन्द सिंह ने चार सम्मान क्रमशः डॉ. परमेश्वरी लाल गुप्त स्मृति पत्रकारिता सम्मान, मुखराम सिंह स्मृति पत्रकारिता सम्मान, बालेश्वर लाल स्मृति पत्रकारिता सम्मान एवं एसपी सिंह स्मृति पत्रकारिता सम्मान को आगामी साल से पत्रकारिता दिवस पर देने की घोषणा की तथा आगत जनों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन विजय यादव ने किया। कार्यक्रम में पत्रकार गब्बर सिंह, सचिन श्रीवास्तव, रमेश सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सहजानंद राय, कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह, पत्रकार संदीप श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, उदयराज शर्मा, विभाष सिन्हा, राजेश श्रीवास्तव, देवव्रत श्रीवास्तव, खर्रम आलम नोमानी, विवेक गुप्ता, संदीप उपाध्याय, राजीव श्रीवास्तव, हरीश, विनीत सिंह, डॉ. सुभाष सिंह, सहित अन्य पत्रकार गण उपस्थित थे। इस अवसर पर कार्यक्रम के सफलता पर लोगों ने कार्यक्रम आयोजक के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।