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दिल्ली

एम्स के पूर्व सीवीओ द्वारा लगाए आरोपों की जांच हो, पीएम को लिखा पत्र

एम्स से पूर्व सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को एक लम्बे समय से जानने और उनकी सत्यनिष्ठ और सत्य और न्याय के लिए लड़ने के उनके अदम्य साहस का प्रशंसक होने के कारण मैं इस अवसर पर स्वयं को पूरी तरह संजीव चतुर्वेदी के साथ खड़ा पाता हूँ.

मैंने अपनी व्यक्तिगत हैसियत में प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर निवेदन किया है कि वे श्री चतुर्वेदी द्वारा लगाए गए आरोपों की अपने स्वयं के स्तर से जांच करा कर जांच के आधार पर उचित निर्णय लें.

अमिताभ ठाकुर
लखनऊ

<p>एम्स से पूर्व सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को एक लम्बे समय से जानने और उनकी सत्यनिष्ठ और सत्य और न्याय के लिए लड़ने के उनके अदम्य साहस का प्रशंसक होने के कारण मैं इस अवसर पर स्वयं को पूरी तरह संजीव चतुर्वेदी के साथ खड़ा पाता हूँ. <br /><br />मैंने अपनी व्यक्तिगत हैसियत में प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर निवेदन किया है कि वे श्री चतुर्वेदी द्वारा लगाए गए आरोपों की अपने स्वयं के स्तर से जांच करा कर जांच के आधार पर उचित निर्णय लें. <br /><br />अमिताभ ठाकुर <br />लखनऊ</p>

एम्स से पूर्व सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को एक लम्बे समय से जानने और उनकी सत्यनिष्ठ और सत्य और न्याय के लिए लड़ने के उनके अदम्य साहस का प्रशंसक होने के कारण मैं इस अवसर पर स्वयं को पूरी तरह संजीव चतुर्वेदी के साथ खड़ा पाता हूँ.

मैंने अपनी व्यक्तिगत हैसियत में प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर निवेदन किया है कि वे श्री चतुर्वेदी द्वारा लगाए गए आरोपों की अपने स्वयं के स्तर से जांच करा कर जांच के आधार पर उचित निर्णय लें.

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अमिताभ ठाकुर
लखनऊ

सेवा में,                                                           
      मा० प्रधानमंत्री,
      भारत सरकार,
      नयी दिल्ली।  

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विषय- एम्स के पूर्व सीवीओ श्री संजीव चतुर्वेदी के आरोपों विषयक।

महोदय,
      मैं अमिताभ ठाकुर यूपी कैडर का एक आईपीएस अफसर हूँ और व्यक्तिगत स्तर पर सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के क्षेत्र में काम करता हूँ. मैं यह पत्र अपनी व्यक्तिगत हैसियत में देश के आदरणीय और सम्मानित प्रधानमंत्री को लिख रहा हूँ.

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कृपया श्री संजीव चतुर्वेदी के एम्स के सीवीओ पद से स्थानांतरण पर उठे विवाद का सन्दर्भ ग्रहण करने की कृपा करें. स्थानांतरण एक रूटीन प्रक्रिया मानी जाती है पर यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि समाचारपत्रों के अनुसार श्री चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि एक बड़े नेता के कहने पर उनका ट्रांसफर किया गया. समझा जा रहा है कि श्री संजीव चतुर्वेदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को चिट्ठी लिखी है, जिसकी एक प्रति आपको भी भेजी गई है. इसमें लिखा है कि किसी नेता के निजी डॉक्टर के कहने पर उनका ट्रांसफर किया गया है जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की गई थी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार संजीव चतुर्वेदी ने ये लगाए आरोप हैं- 1. एक वरिष्ठ नेता के निजी डॉक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार की कार्रवाई करने पर उल्टा उन्हीं को हटा दिया गया. 2. एम्स की ये निजी लेडी डॉक्टर डायबेटिक एक्सपर्ट हैं, जिनके ऊपर लगे आरोपों को स्वास्थ्य मंत्री ने ही खारिज कर दिया. 3. राजनैतिक पार्टी के महासचिव स्तर के एक नेता उनसे इस बात पर नाराज हो गए क्योंकि एम्स में तैनात एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ उन्होंने भ्रष्टाचार की कार्रवाई की थी. कहा जा रहा है कि श्री चतुर्वेदी ने अपने पत्र की एक कॉपी आपको भी भेजी है और गुजारिश की है कि जिन भ्रष्ट अधिकारियों पर उन्होंने कार्रवाई की है उनकी सीबीआई जांच करवाई जाए.

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यदि श्री चतुर्वेदी ने ये आरोप नहीं लगाए होते तो कोई बात नहीं थी पर यदि उन्होंने ऐसे आरोप लगाए हैं तो निश्चित रूप से इनकी जांच होनी ही चाहिए. निवेदन करूँगा कि श्री चतुर्वेदी को मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ और उनका अत्यंत सम्मान करता हूँ. यह भी सही है कि वे देश के चोटी के विस्सलब्लोअर के रूप में सर्वमान्य हैं. श्री चतुर्वेदी की हरियाणा में अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ी गयी लड़ाईयों को पूरा देश जानता है और इनका सम्मान करता है. मैं कई बार श्री चतुर्वेदी से बातचीत करता रहा हूँ और अपने जीवन में भी उनसे बहुत सारी प्रेरणा और सीख लेता हूँ.

अतः इस अवसर पर मैं स्वयं को व्यक्तिगत स्तर पर पूरी तरह श्री संजीव चतुर्वेदी के साथ खड़ा पाता हूँ और महसूस करता हूँ कि यदि वास्तव में श्री चतुर्वेदी को उनके भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम के कारण हटाया गया है तो यह अत्यंत ही कष्टप्रद होगा.

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इन समस्त तथ्यों के दृष्टिगत आपसे विनम्र निवेदन करूँगा कि इस मामले की ओर विशेष ध्यान देते हुए इसकी अपने स्वयं के स्तर से जांच कराने और जांच के आधार पर उचित कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें. निवेदन करना चाहूँगा कि मैं भूल कर भी श्री चतुर्वेदी की पैरवी नहीं कर रहा क्योंकि ना तो वह मेरी हैसियत हैं और ना ही मेरा अधिकार, वह गैर-कानूनी भी है. मैं मात्र सत्य के संधान और सत्य की राह में खड़े प्रत्येक व्यक्ति की सहायता करने और आम जन का सत्य पर विश्वास बनाए रखने के आपके प्रयासों के दृष्टिगत उपरोक्त कारणों से इस प्रकरण को भी देखे जाने की प्रार्थना कर रहा हूँ.

पत्र संख्या- AT/Sanjiv/PMO
दिनांक-21/08/2014
                                                               
भवदीय,

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(अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमतीनगर, लखनऊ।
#09415534526

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