इफको में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत लोक सभा सदस्य ने प्रधानमंत्री कार्यालय में की जिसे उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय को जाँच के लिए भेज दिया गया। लंबी जद्दोजहद के बाद उक्त शिकायत निदेशक विजिलेंस ने आगे की जाँच के लिए सीबीआई को अग्रसारित कर दिया।
इस बीच सत्ता बदली, मंत्री बदले लेकिन इफको माफिया उदय शंकर अवस्थी नहीं बदले। सीबीआई ने सबसे पहले इफको माफिया के विरुद्ध पीई के रूप में शिकायत दर्ज़ की। सीबीआई अवस्थी के रुतबे के आगे कुछ यूं दबाव में आई की चाल एकदम धीमी हो गई। सीबीआई सरकार से पीई को एफआईआर में बदलने का इंतज़ार कर रही थी।
इधर प्राथमिक जाँच में सीबीआई को इफको में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के सबूत मिल चुके थे। संसद सदस्य निशिकांत दुबे बार-बार अपनी शिकायत का स्मरण करा रहे थे। इसी बीच बरेली के सुधीश त्रिपाठी ने एक और शिकायत कर दी। दोनों ही शिकायत में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप आपस में एक जैसे थे।
उर्वरक रसायन मंत्रालय ने अनुमति के बाद सुधीश त्रिपाठी की शिकायत भी 5.9.2016 को सीबीआई को भेज दी। सीबीआई ने प्राथमिक जाँच में पाया कि इफको एमडी यूएस अवस्थी ने इंटरनेशनल ट्रेडिंग खोलकर कच्चा माल एवं उर्वरक आयात में धोखाधड़ी की। सब्सिडी से लेकर उर्वरकों की बिक्री तक में अभिलेखों में हेराफेरी कर भ्रष्टाचार किया है जो पूरी तरह से गैरकानूनी था।
एफआईआर में पैरा 4 के अनुसार शिकायतों की पुष्टि के लिए सीबीआई ने जब कच्चा माल एवं उर्वरक आयात के रिकार्ड की गहन जाँच की तो पाया उदय शंकर अवस्थी एवं अन्य बोर्ड सदस्यों व परविंदर सिंह गहलोत एमडी इंडियन पोटास लिमिटेड ने खुद के परिवार व अन्य के साथ मिलकर व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार करते हुए इफको और देश को नुकसान पहुंचाया है।
सीबीआई ने 17.5.2021 को कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ किया है जिनमें यू एस अवस्थी (एमडी इफको) एवं परविंदर सिंह गहलोत (एमडी आईपीएल) को मुख्य अभियुक्त बनाया है। इसके आलावा यूएस अवस्थी के पुत्र अनमोल व अनूपम अवस्थी, विवेक गहलोत, पंकज जैन प्रोमोटर ज्योति ट्रेडिंग कार्पोरेशन दुबई व रेयर अर्थ समूह,संजय जैन पंकज जैन के भाई मालिक ज्योति ट्रेडिंग कार्पोरेशन ज्योति समूह की कंपनी, ए डी सिंह वरिष्ठ वाइस प्रेजिडेंट ज्योति ट्रेडिंग कार्पोरेशन दुबई, राजीव सक्सेना चार्टर्ड अकाउंटेंट, सुशील कुमार पचीसा कर्मचारी पंकज जैन, अज्ञात निदेशक इफको एवं इंडियन पोटाश लिमिटेड हैं.
उक्त सभी अभियुक्तों पर आरोप है कि इफको एवं आईपीएल के सामान्य अंशधारक एवं भारत सरकार के साथ आयात उर्वरक कच्चे माल की खरीद सामान्य दरों के मुकाबले कई गुना उच्च दरों पर मोटी कमीशन खाने के लिए की और उस कच्चे माल से तैयार उर्वरक पर सरकार को गुमराह कर कई गुना अधिक सब्सिडी प्राप्त कर ली थी. इसके जरिए देश को व्यापक स्तर पर धन की हानि पहुंचाई गई थी.
इफको मल्टीस्टेट सहकारी समिति है जिसमें देश भर की राज्य सहकारी समिति अंशधारक हैं. इफको की सहकारी स्वामित्व वाली आईपीएल, सेल ,आरसीएफ इत्यादि अंशधारक समिति हैं जिनके प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी 1993 से व परविंदर सिंह गहलोत प्रबंध निदेशक आईपीएल में 1997 से बने हुए हैं.
यू एस अवस्थी एवं परविंदर सिंह गहलोत ने बड़े स्तर पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसानों को किफायती दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के सरकार की मंशा के विपरीत जाकर देश से बाहर विभिन्य कपंनी के साथ व्यावसायिक सांठ गांठ कर भ्रष्टाचार के जरिए धन को हड़पा। फिर अपने परिवार के लोगों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के धन को सही धन में परिवर्तित कर लिया।
इफको सहकारी स्वामित्व वाली कंम्पनी से किसान अन्र्राष्ट्रीय एफ जेड ई विदेश से आयात होने वाली उर्वरक एवं कच्चा मॉल उच्च दरों से अपने पुत्रों की कंपनी से खरीदने के लिए खोल ली.अब उक्त अभियुक्तों ने मकड़जाल बनाकर अपनी अपनी कंम्पनी से एक दूसरे में धन ट्रांसफर किया ताकि मोटी कमीशन खाने की धोखाधड़ी किसी की पकड़ में न आये.
राजीव सक्सेना, संजय जैन, पंकज जैन, ए डी सिंह ने परस्पर आपसी सहयोग से धन खाया है। एक कंम्पनी ने कच्चा मॉल ऊँचे दाम में दूसरे को बेच कर धन खा लिया था।
बताते चले राजीव सक्सेना वही हैं जिन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर खरीद में दलाली की थी. सभी अभियुक्त ने दुबई अमेरिका में बैठकर कुल 685 करोड़ की भारत सरकार को चपत लगाई थी.
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