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देश की दो दिग्गज कंपनियां इंडिया मार्ट और ट्रेड इंडिया ब्लैकमनी की हेराफेरी में लिप्त

दिल्ली : अगर आपके पास अथाह ब्लैकमनी है और आप को डर है कि पीएम मोदी उसे आप के स्विस बैंक अकाउंट से उड़ा लेंगे, तो डरने की जरूरत नहीं। आप की ब्लैक मनी को देश से बाहर ले जाने या देश में वापस लाने के लिए आप की सेवा में हाजिर हैं ‘इंडिया मार्ट’ और  ‘ट्रेड इंडिया’ जैसी देश की दो दिग्गज कंपनियां, जो ब्लैक मनी की हेराफेरी में लिप्त हैं। ये आरोप बुलंद शहर निवासी समाजसेवी राणा अजय सिंह ने लगाया है। 

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दिनेश अग्रवाल

दिल्ली : अगर आपके पास अथाह ब्लैकमनी है और आप को डर है कि पीएम मोदी उसे आप के स्विस बैंक अकाउंट से उड़ा लेंगे, तो डरने की जरूरत नहीं। आप की ब्लैक मनी को देश से बाहर ले जाने या देश में वापस लाने के लिए आप की सेवा में हाजिर हैं ‘इंडिया मार्ट’ और  ‘ट्रेड इंडिया’ जैसी देश की दो दिग्गज कंपनियां, जो ब्लैक मनी की हेराफेरी में लिप्त हैं। ये आरोप बुलंद शहर निवासी समाजसेवी राणा अजय सिंह ने लगाया है। 

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दिनेश अग्रवाल

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विक्की घोषाल

अजय सिंह  कहते हैं कि जबसे पीएम मोदी ने ब्लैक मनी होल्डर्स के खिलाफ अभियान चलाया है, वे सतर्क हो गए हैं। अधिकांश ब्लैक मनी होल्डर्स ने स्विस बैंक में अपना खाता बंद कर दिया है और वे उसे वापस इंडिया ला रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार स्विस बैंक में ब्लैक मनी होल्डर्स की जानकारी जुटाती रहेगी, लेकिन पैसा उनके घर में उनके पास सुरक्षित रहेगा। 

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ये हैं ब्लैक मनी के हेरफेर का फर्मूला

अजय सिंह कहते हैं कि इसके लिए ब्लैक मनी होल्डर्स नाइजीरियंस की मदद लेते हैं। वे करंसी को एक विशेष रसायन में डुबोकर उस पर काली परत चढ़ा देते हैं। उसे मूल रूप में लाने का फार्मूला केवल नाइजीरियंस ही जानते हैं। अब ब्लैक मनी होल्डर्स इसे भारत से बाहर या भारत में पानी के रास्ते लाते हैं। पकड़े जाने पर ब्लैक कोटेट होने के कारण ये सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब हो जाते हैं। इस प्रकार ब्लैक मनी सुरक्षित तरीके से एक देश से दूसरे देश में भेजी जा रही है। 

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कोटेट मनी साफ करने वाली मशीन की फाइल फोटो

मूल रूप में वापस लाने का तरीका 

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अजय सिंह ने बताया कि देश की दो बड़ी कंपनियां ‘इंडिया मार्ट’ और ‘ट्रेड इंडिया’ इस करंसी को मूल रूप में लाने के लिए ब्लैक मनी होल्डर्स की मदद करती हैं। इन दोनों कपनियों की वेबसाइट पर इसे मूलरूप में लाने वाला रसायन ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ खुलेआम बेचा जा रहा है। ‘इंडिया मार्ट’ के टोल फ्री नंबर 18002004444 व ‘ट्रेड  इंडिया’ के नंबर ‘01146710500 या कंपनी के अन्य नंबरों पर काल करने पर कस्टमर केयर में मौजूद लड़कियां फोन पर खुलेआम स्वीकारती हैं कि उनके यहां ये केमिकल उपलब्ध है। वे ग्राहक की मेल आईडी और मोबाइल नंबर नोट कर लेती हैं और यह केमिकल बेचने वालों की लिस्ट पलक झपकते ही उनके मोबाइल और मेल आईडी पर मैसेज कर देती हैं। ग्राहक इन नंबरों पर संपर्क कर अपना कम करा लेता है। अगर कोई ग्राहक इनसे संपर्क नहीं करता है, तो उसके पते पर वे उसे फोन करती हैं। ये सभी नाइजीरियंस होते हैं। इनको सिर्फ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होता है। ये प्रायः अपना नाम पता नहीं बताते। ग्राहक का नाम पता पूछकर स्वयं उसके पास पहुंच जाते हैं। कुल धन का 15 फीसद कमीशन लेकर खास रसायन ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ और एक खास मशीन या हाथों से ही ब्लैक कोटेट मनी को साफ कर के मूल रूप दे देते हैं। ये रसायन करंसी की प्रिंटिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, ये केल उस पर चढ़ाई गई रसायन की काली परत से रिएक्शन कर के उसे हटा देता है। 

अजय सिंह के अनुसार इसकी खोज बहुत समय पहले नाइजीरिया में हुई थी। पहले वे आयोडीन और गोंद के घोल से नोटों को काला करते थे और उसे घोल से साफ करते थे। ये फार्मूला लीक होने के बाद उन्होंने एक विशेष रासायनिक घोल ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ तैयार किया। इसका तोड़ अब तक केवल इन्हीं लोगों के पास है। मोटी कमाई के चक्कर में ये लोग इस रायायनिक घोल की मदद से दुनिया के कई देशों में ब्लैक मनी की हेराफेरी करते हैं। अजय सिंह के मुताबिक इससे संबंधित जानकारी इंटरनेट पर भी उपलब्ध है। कई देशों में नाइजीरियंस ऐसे मामलों में गिरफ्तार भी हुए हैं। 

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अजय सिंह के अनुसार भारत में ब्लैक मनी की हेराफेरी में देश की दो दिग्गज कंपनियां ‘इंडिया मार्ट’ और ‘ट्रेड इंडिया’ इनकी मदद कर रही हैं। इन्हें बेचने के लिए विदेशियों ने तमाम अतिरिक्त वेबसाइट्स भी बना रखी हैं। आतंकी भी दूसर देशों में आतंक फैलाने के लिए इस तरीके से धन भेज सकते हैं। 

‘हां इंडिया मार्ट में रजिस्टर्ड हैं इसके विक्रेता’

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इस संवाददाता ने 24 जनवरी 2015 को दोपहर 12.18 बजे अपने मोबाइल 8950105369  पर इंडियामार्ट के टोल फ्री नंबर  18002004444 पर ग्राहक बनकर फोन किया। गगन नामक लड़की ने बताया कि ‘इंडियामार्ट’ की वेबसाइट पर इस केमिकल की डिटेल शो हो रही है। वहां सेंड इंक्वायरी ऑप्शन पर क्लिक करें। आपकी डिटेल सेलर तक पहुंच जाएगी और वो आपसे संपर्क कर लेगा। वो केवल सप्लायर्स को मिलाती है। उसने स्वीकार किया कि इन सभी का इंडियामार्ट में रजिस्ट्रेशन होता है। कुछ का फ्री, कुछ का पेड होता है। सभी सप्लायर्स भारतीय हैं। ये हो सकता है कि वे विदेश से इसे इंपोर्ट करते हों। कोई धोखा नहीं देता। अगर कोई काम किए बिना पैसे लेकर भागता है, तो हमें बताएं। 

‘आप इंडियामार्ट पर गन बेच सकते हैं’

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24 जनवरी 2015 को 1 बजकर 32 मिनट पर मैंने अपने मोबाइल से पुन: ग्राहक बनकर इंडियामार्ट के टोल फ्री नंबर पर फोन किया। प्रिया नाम की लड़की ने ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ की स्पेलिंग पूटी और कम्प्यूटर में चेक कर के बताया कि ‘इंडियामार्ट’ में ये उपलब्ध है। कंपनी उसे डायरेक्ट नहीं बेचती, सिर्फ मीडिएटर का काम करती है और वेयर और सेलर्स में डील कराती है। उसने बताया कि इंडियामार्ट में इनका रजिस्ट्रेशन फ्री और पेड दोनों तरह से होता है। गन और ड्रग्स बेचने के सवाल पर पहले तो उसने कहा, ‘आप इंडियामार्ट पर गन बेच सकते हैं।’ बाद में संभलकर बोली लेकिन वे लाइसेंसी होनी चाहिए। ड्रग्स जैसे घातक पदार्थ वह नहीं बेचती। यह पूछने पर कि वैज्ञनिकों के अनुसार ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ स्वयं इतना घातक है कि इसके संपर्क में रहने वाले की किडनी खराब हो जाती हैं और उसे कम सुनाई देने लगता है, फिर उसे क्यों बेचती हैं। इस सवाल का जवाब वह टाल गईं और मेरी मेल आईडी और मोबाइल नंबर मांगा। मैंने उसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर नोट करा दिया। 

फोन और मेल पर आई सेलर्स की डिटेल

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प्रिया मैडम ने फोन काटते ही पलक झपकते ही मेरे मोबाइल और मेल आईडी पर 05 ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ सप्लायर्स की लिस्ट भेज दी। उसके बाद मेरी मेल आईडी पर कई मेल आए। सभी ने लिखा कि वे ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ बेचते हैं। किसी ने एक लीटर केमिकल की कीमत 2500 यूएसडी बताई, तो किसी ने और ज्यादा। उन्होंने नोट साफ करने वाली मशीन की कीमत आठ लाख रुपए के बीच बताई। कुल धन के 15 फीसद कमीशन की मांग कर के पता मांगा, ताकि वे वहां आकर पैसे साफ कर सकें। 

दो सेलर्स की आई कॉल

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पहली कॉल : पहली कॉल 24 जनवरी 2015 को शाम 17.40 बजे 08365097834 नंबर से मेरे मोबाइल पर आई। उसने अंग्रेजी में कहा कि उसे इंडियामार्ट से मेरा नंबर मिला है। उसके पास ये रसायन और टैक्नीशियन दोनों हैं। नाम पता पूछने पर उसने मुझसे मेल चेक करने की बात कह कर फोन काट दिया। 

दूसरी कॉल : दूसरी कॉल  27 जनवरी 2015 को दोपहर 12.53 बजे  08577914109 से मेरे मोबाइल पर आई। उसने अंग्रेजी में कहा कि उसे इंडियामार्ट से पता चला है कि आपको ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ की जरूरत है। वह दिल्ली के महामेर से बोल रहा है। उसने झल्लाते हुए मेरी मेल आईडी मांगी ताकि और डिटेल भेज सके, लेकिन इस बार मैंने उसे मेल आईडी नहीं दी। 

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मैंने ‘इंडियामार्ट’ के एमडी दिनेश अग्रवाल से इस संबंध में राय लेने के लिए तीन बार कंपनी में फोन किया, लेकिन उनसे बात नहीं कराई गई, न ही उनका मोबाइल नंबर दिया गया। तीसरी बार एक युवती ने उनकी परसनल मेलआईडी दी। मैंने उनकी मेल आईडी पर मेल करके उनकी राय जाननी चाही, लेकिन एमडी साहब ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। 

ट्रेड इंडिया ने भी स्वीकारी संलिप्तता

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मैंने 24 जनवरी 2015 को लगभग दो बजे अपने फोन से ट्रेड इंडिया के नंबर 01146710500 पर ग्राहक बनकर फोन किया। रहाना नामक युवती ने बताया कि ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ के बिना विक्रेता उनकी वेबसाइट पर रजिस्टर्ड हैं। उसने एक सेलर का नंबर- 01143364336 दिया। उसने बताया कि उसके सभी सेलर्स ऑरिजनल हैं। सभी की डिटेल कंपनी के वेरीफिकेशन विभाग से वेरीफाई करके उनका रजिस्ट्रेशन किया जाता है। कोई धोखा नहीं देता है। अगर कोई बिना काम किए पैसे लेकर भाग जाता है, तो उसे बताएं। इनलीगल काम करने के सवाल पर उसने कहा कि कुछ इनलीगल प्रॉडक्ट वैन किए गए हैं, लेकि ‘एसएसडी केमिकल सॉल्यूशन’ के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी। 

मैंने ट्रेड इंडिया के एमडी विक्की घोसला की इस बारे में राय जानने के लिए उनके ऑफिस में फोन किया। एक लड़की ने फोन उठाकर बताया कि वे ऑफिस नहीं आए। उसने उनका मोबाइल नंबर देने से मना कर दिया, लेकिन परसनल मेल आईडी दी। मैंने उनकी मेल आईडी पर मेल कर के उनकी इस बारे में राय मांगी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। 

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अजय सिंह ने पीएम ऑफिस में लगाई गुहार

राणा अजय सिंह ने बताया कि वे दोनों कंपनियों से इस संबंध में आरटीआई के जरिए और मेल से जानकारी मांग चुके हैं, लेकिन दोनों के एमडी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने थक हारकर प्रधानमंत्री कार्यालय के सूचना विभाग में भी इस संबंध में ऑनलाइन आरटीआई लगा दी है। वे कहते हैं कि अब ये वक्त ही बताएगा कि पीएम ऑफिस से कोई जवाब आएगा या फिर वहां भी मामले की लीपापोती कर दी जाएगी। 

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