नई दिल्ली, 26 जून। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के विकास और प्रचार प्रसार के लिए काम करनेवाली संस्था कलमकार फाउंडेशन की अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता के परिणाणों की घोषणा कर दी गई है। फाउंडेशन की प्रवक्ता वंदना सिंह के मुताबिक पिछले साल कलमकार फाउंडेशन ने कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस कहानी प्रतियोगिता में देश भर के तकरीबन बारह सौ कथाकारों ने हिस्सा लिया था। कहानी प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार भोपाल की युवा कथा लेखिका इंदिरा दांगी को उनकी कहानी ‘शहर की सुबह’ को दिया गया है। उन्हें पुरस्कार स्वरूप इक्कीस हजार रुपए की राशि और प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
कहानी प्रतियोगिता में दो दि्वतीय पुरस्कार थे जो लखनऊ की वरिष्ठ कथाकार रजनी गुप्त और जम्मू की युवा लेखिका और पत्रकार योगिता यादव को दिया गया है। रजनी गुप्त की कहानी ‘दो आवाजें’ और योगिता यादव की कहानी ‘झीनी-झीनी बीनी चदरिया’ को पुरस्कार के लिए चुना गया है। इन दोनों कथाकारों को पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपए की राशि दी जाएगी। इस प्रतियोगिता में तीन तृतीय पुरस्कार थे जिसके लिए जमशेदपुर के कथाकार कम को उनके कहानी ‘मैकडोनाइल्जेशन’, खरगौन मध्य प्रदेश के प्रदीप जिलावने को उनकी कहानी ‘बानवे के बाद’ और मध्य प्रदेश की ही सतना की वरिष्ठ कथाकार सुषमा मुनीन्द्र की कहानी ‘अरे गजब रे, अम्मा की सर्जरी’ को चुना गया है। तृतीय पुरस्कार के तौर पर कथाकारों को सम्मान राशि के तौर पर ढाई हजार रुपए दिए जाएंगे।
इन पुरस्कृत कथाकारों के अलावा दस अन्य कथाकारों को सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे। फाउंडेशन की प्रवक्ता वंदना सिंह के मुताबिक कलमकार इन पुरस्कृत कहानियों का एक संग्रह भी प्रकाशित करेगा। कलमकार की योजना के मुताबिक पुरस्कार अर्पण समारोह दिल्ली में होगा। पुरस्कृत कथाकारों की पूरी सूचना कलमकार की बेवसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
अनंत विजय की रिपोर्ट।
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