स्लाटर हाउस यानी कत्लखाना यानी बूचड़खाना जहां पर बीमार जानवरों को काटा जाता है। यहां पर कत्लखाने की चर्चा यूं हीं नहीं कर रहे हैं। कत्लखाना अकेला वहीं नहीं होता है जहां सिर्फ जानवर काटे जाते हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी एक स्लाटर हाउस है। लखनऊ शहर के समस्त नागरिक इसको सिटी माँटेसरी स्कूल के नाम से जानते हैं जिसका मुखिया एक कफनचोर प्रबंधक जगदीश गांधी है।
सीएमएस की सभी ब्रांचों में छोटे-छोटे नौनिहाल पढ़ने जाते हैं। उन बच्चों के माता-पिता की आखों में सपने पलते हैं कि सिटी माँटेसरी स्कूल में बच्चे पढ़कर इस देश के भव्य नागरिक बनेंगे। उच्चे-उच्चे पदों की शोभा बनेंगे लेकिन कभी उन बच्चों के माता-पिता का दर्द समझने की कोशिश करिये कैसे उन माता-पिता के सपनों का कत्ल किया जाता है।
उन बुजुर्गों से पूछिये जो रिटायरमेंट होने के बाद अपने जीवन की गाढ़ी कमाई जगदीश गांधी के झांसे में आकर गवां देते हैं और उनके अरमानों और सपनों का कत्ल होता है। ऐसे अनगिनत बुजुर्गों की श्रृखला है जिनके जीवन की गाढ़ी कमाई जगदीश गांधी ने ब्याज का प्रलोभन देकर हड़प लिया और अनगिनत बुजुर्गों के बुढ़ापे का कत्ल कर दिया।
गांधी जगदीश राजधानी लखनऊ का इतना बड़ा रंगासियार है कि इसने ईसाईयों के कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा करके एक बहुत बड़े धर्म के मानने वालों के विश्वास का कत्ल किया। ऐसे ही अनगिनत स्लाटर हाउस की श्रृखला लेकर प्रखर पोस्ट का इस बार का अंक पढ़िए। पत्रिका के प्रधान संपादक हैं अनूप गुप्ता। मैगजीन प्राप्त करने के लिए अनूप गुप्ता से सम्पर्क इस मोबाइल नंबर के ज़रिए किया जा सकता है- +91 94558 65175
प्रेस रिलीज़
Dinesh CHANDRA Gupta
July 29, 2023 at 11:50 pm
Achahi pahal