जबरिया रिटायर ips अधिकारी अमिताभ ठाकुर के बारे में सूचना मिल रही है कि लखनऊ जेल में उन्हें परेशान किया जा रहा है। गिरफ़्तारी के वक्त पुलिस वालों ने उनका चश्मा तोड़ दिया था जिसके कारण वे खुद को बेबस पा रहे हैं।
जेल प्रशासन को कई अप्लीकेशन देने के बावजूद अमिताभ का आई टेस्ट नहीं कराया जा रहा है और न ही चश्मा दिया जा रहा है। चश्मा न होने से वे लिखने पढ़ने का काम बहुत मुश्किल से कर पा रहे हैं।
पता चला है कि जेल से अमिताभ ने कई पत्र लिखे हैं लेकिन जेल प्रशासन उन पत्रों को बाहर नहीं जाने दे रहा।
इस बीच जेल नियमों के तहत अमिताभ ठाकुर की उनके परिजनों से फ़ोन पर बात कराई गई। अमिताभ ने अपनी पत्नी नूतन ठाकुर को जेल में किए जा रहे उत्पीड़न और परेशानियों के बाबत नपे तुले शब्दों में जानकारी दी है।
अमिताभ ठाकुर ने अपने सभी शुभचिंतकों से अनुरोध किया है कि वे लोग अपने अपने स्तर पर से अन्याय का विरोध करें। अधिकार सेना के लोग अपने अपने स्तर से आवाज़ बुलंद करते रहे।
अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि कोई भी जेल और किसी क़िस्म का उत्पीड़न उनका मनोबल न तोड़ पाएगा।
नूतन ठाकुर ने जानकारी दी है कि वे अमिताभ के साथ जेल के भीतर किए जा रहे अन्याय का विवरण मानवाधिकार आयोग को भेज दिया है। जेल के अधिकारियों के ग़ैर ज़िम्मेदार आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हर एक की जवाबदेही तय कराई जाएगी।