: अब सांसदों का मजाक उड़ाना पड़ेगा भारी : नई दिल्ली। अब सांसदों व नेताओं का मजाक उड़ाने या उनकी आवाजों की नकल करने वाले रेडियो एफएम आरजे पर कार्रवाई की जाएगी। समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने यह मुद्दा उठाया। इसके बाद सरकार ने बताया कि अभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र ऐसे मामलों पर नजर रख रहा है। जल्द ही इस पर ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई के लिए नियमन बनाया जाएगा।
जया बच्चन ने प्रश्नकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि निजी चैनलों पर रेडियो जॉकी जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वह अभद्र और आपत्तिजनक है। अब नई बात यह है कि उन्होंने संसद की खबरें देना शुरू कर दिया है और वे बहुत सारे सांसदों की नकल करते हैं। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि कि इसके बारे में क्या कदम उठाए जा रहे हैं? भाजपा के सांसद तरुण विजय और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा ने भी जया बच्चन के मुद्दे पर सहमति जताई।
इसके जवाब में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि द्विअर्थी शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है और सरकार को कुछ शिकायतें भी मिली हैं। उन्होंने कहा कि अभी एफएम रेडियो पर समाचार प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं है। हम अभी सिर्फ इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ऑल इंडिया रेडियो के समाचारों को एफएम पर प्रसारित करने की अनुमति दी जाए अथवा नहीं। साथ ही हम विचार कर रहे हैं कि आपत्तिजनक भाषा पर किस तरह की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र है, जो इस पर नजर रख रहा है। जावडेकर ने कहा कि सरकार इस मसले पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और जल्द ही इसके लिए नियमन बनाया जाएगा।मंत्रालय टोक चुका है पहले भी25 अक्टूबर 2012 को तत्कालीन संप्रग सरकार के दौरान निजी एफएम रेडियो चैनलों पर आपत्तिजनक और भद्दी विषयवस्तु वाले कार्यक्रम संबंधी मामले सामने आए थे। इसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कार्यक्रमों में ठीक भाषा का इस्तेमाल सुनिश्चित करने को कहा था। इन चैनलों के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए मंत्रालय ने कहा था कि यह संज्ञान में आया है कि कुछ एफएम रेडियो चैनलों पर प्रसारण में भद्दी और आपत्तिजनक विषयवस्तु का प्रसारण किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा था कि कुछ रेडियो जॉकी भी अमर्यादित और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं। खास कर रात के समय में वे आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं।
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