सत्य पारीक-
मंत्री मेहरबान तो ” पीआरओ ” दयावान क्यों नहीं बन सकता? इसका ताजातरीन उदाहरण है जयपुर विकास प्राधिकरण के जारी करोड़ो के विज्ञापनों की बंदरबांट का प्रकरण।
राजस्थान के स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल के तीसरे कार्यकाल में उनके चेले चांटी जमकर जेडीए को चूना लगा रहे हैं। इसका एक नमूना है सरकार के पट्टा वितरण समारोह के विज्ञापन जारी करने का।
धारीवाल ने ये कार्य जयपुर विकास प्राधिकरण के कमिश्नर को सौंपा। इसका भरपूर लाभ उठाते हुए उनके पीआरओ ने दो समांतर सूची जारी की। इसमें एक थी सरकार के मान्यता प्राप्त पत्रों की। दूसरी थी उन 40 ऐसे पत्रों की जिनके केवल टाईटल ही हैं, जो केवल विज्ञापन के लिए छपते हैं, यानी “आधा-आधा”।
इस फिफ्टी फिफ्टी फार्मूले से 40 टाईटल को 50-50 हजार के विज्ञापन जारी किये गए हैं, जिनका भुगतान अभी बाकी है।
देखें टाईटल की सूची मय राशि के-
ये है पचास हजारी विज्ञापन जिसे छापने के लिए दिया गया है…